महाराष्ट्र, मुंबई : 80 एवं 90 के दशक में भारतीय डिस्को संगीत को लोकप्रिय बनाने वाले संगीतकार और गायक बप्पी लाहिड़ी का आज मुंबई के क्रिटिकेयर अस्पताल में निधन हो गया। वह 69 वर्ष के थे। अस्पताल के निदेशक डॉ. दीपक नामजोशी ने बताया कि लाहिड़ी को एक महीने के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था और 14 फरवरी को उन्हें छुट्टी दे दी गई थी।
लेकिन कल अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और उनके परिवार ने एक डॉक्टर को उनके घर बुलाया। उन्हें फिर अस्पताल लाया गया। उन्हें कई स्वास्थ्य समस्याएं थीं। आधी रात से कुछ समय पहले ओएसए (ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया) के कारण उनकी मृत्यु हो गई। भारतीय संगीत के डिस्को किंग बप्पी लाहिड़ी का जन्म 1952 में पश्चिम बंगाल के कलकत्ता में शास्त्रीय संगीत में एक समृद्ध परंपरा वाले परिवार में हुआ था।
उन्होंने 19 साल की छोटी उम्र में एक संगीत निर्देशक के रूप में अपना करियर शुरू किया। उनके पिता अपरेश लाहिड़ी एक प्रसिद्ध बंगाली गायक थे और उनकी मां बंसारी लाहिड़ी एक संगीतकार और एक गायिका थीं, जो शास्त्रीय संगीत और श्यामा संगीत में पारंगत थीं।
उन्हें बंगाली फिल्म दादू (1972) में गाना गाने का पहला अवसर मिला और पहली हिंदी फिल्म जिसके लिए उन्होंने संगीत तैयार किया, वह थी नन्हा शिकारी (1973)। जिस फिल्म ने उन्हें बॉलीवुड में स्थापित किया, वह ताहिर हुसैन की हिंदी फिल्म ज़ख्मी (1975) थी, जिसके लिए उन्होंने संगीत तैयार किया और एक पार्श्व गायक के रूप में पहचान बनाई।