असम, गुवाहाटी : असम सरकार राज्य के स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास के लिए विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है। उसके बावजूद ऐसे संवेदनशील विषय है, जिसमें न तो राज्य सरकार और न ही स्वास्थ्य विभाग कोई ध्यान दे रहा है। इसके कारण लोग अपनी जान गवाने को मजबूर है। विशेषकर प्रत्येक वर्ष बरसात के समय में असम में सर्पदंश लोगों की मौत होती है, लेकिन इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग गंभीर नहीं दिखता। यहां तक की न तो स्वास्थ्य विभाग के पास इससे जुड़ा कोई तथ्य है और ना ही कोई जानकारी। सर्पदंश को लेकर राज्य में विभिन्न इलाकों का दौरा कर इस बारे में असम के राष्ट्रीय स्तर के मानव अधिकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. दिव्यज्योति सैकिया ने जायजा लिया। उन्होंने कई अस्पतालों में सर्पदंश के इलाज के तौर तरीके पर भी जानकारी हासिल की। उन्होंने इस संदर्भ में राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग की कड़ी आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि सर्पदंश के इलाज को लेकर स्वास्थ्य विभाग गंभीर नहीं दिखता और न ही उसका सही ढंग से इलाज होता है। ऐसे मरीजों को केवल एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन देकर ही अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री हो जाते हैं। उनका कहना था कि सर्पदंश की चपेट में आकर इलाज कराने अस्पताल पहुंचे मरीजों के इलाज के लिए चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए, लेकिन 7 वर्ष पूर्व कुछ चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिया गया था। हालांकि बाद के समय में इसे गंभीरता से नहीं लिया गया।
बेमौसम बरसात ने ली 20 लोगों की जान
गुजरात, अहमदाबाद : गुजरात में बेमौसम बरसात के दौरान बिजली गिरने की घटनाओं में 20 लोगों की मौत हुई है।...
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