उत्तर प्रदेश, प्रयागराज : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने तेज बहादुर सप्रू अस्पताल से लापता कोरोना मरीज रामलाल यादव को हर हाल में 25 अप्रैल को पेश करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा है कि अगर पेश नहीं किया गया तो अपर मुख्य सचिव गृह, एसएसपी प्रयागराज सहित विपक्षियों को तलब कर भारी हर्जाना लगाएंगे। गौरतलब है कि अस्पताल में भर्ती रामलाल पिछले साल 8 मई से ही लापता है। अदालत ने कहा कि अस्पताल में भर्ती मरीज लापता है। न उसे छुट्टी दी गई है और न ही परिवार वालों को सौंपा गया।
82 साल का कोरोना मरीज चलने-फिरने में असमर्थ था। इसके बावजूद लापता है। पुलिस महकमा पिछले 11 महीने से अदालत के आदेश के बावजूद लापता मरीज को पेश नहीं कर सका है। अदालत इसे गंभीरता से लिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने राहुल यादव की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। अदालत ने पुलिस अधिकारियों और अपर मुख्य सचिव गृह को लापता मरीज को पेश करने का कई बार निर्देश दिया।
अदालत ने पुलिस द्वारा गंभीर प्रयास न करने पर नाराजगी जताई। मामले की जांच एसआईटी कर रही है। एसएसपी प्रयागराज सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि एसआईटी रिपोर्ट के अनुसार मरीज का आक्सीजन 68 फीसदी हो गया था। जिससे उसे इमर्जेंसी वार्ड से ट्रामा सेंटर शिफ्ट किया गया। जहां से छुट्टी नहीं किया गया और न ही परिवार के हवाले किया गया है। पुलिस लापता मरीज को पेश नहीं कर सकी। इस पर अदालत ने कहा कि मरीज को पेश करें, नहीं तो कोर्ट सभी विपक्षियों को तलब कर भारी हर्जाना लगाएगी।