केरल, तिरुवनन्तपुरम : केरल हाईकोर्ट ने कोरोना टीकाकरण प्रमाणपत्रों पर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो हटाने की मांग करने वाली याचिका पर कहा कि यह एक बहुत ही खतरनाक प्रस्ताव है।
न्यायाधीश एन नागरेश ने कोट्टायम के पीटर मायालीपराम्बिल की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। याचिकाकर्ता ने प्रमाण पत्र में प्रधानमंत्री की तस्वीर को चित्रित करने के खिलाफ याचिका दायर की थी।
उनका आरोप था कि प्रमाण पत्र उसका निजी स्थान है और उस पर उसके कुछ अधिकार हैं। उनके मुताबिक कोविड प्रमाण पत्र नागरिक के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि यह एक बहुत ही खतरनाक प्रस्ताव है। कल कोई यहां आकर विरोध कर सकता है कि वे महात्मा गांधी को पसंद नहीं करते हैं और हमारी नोट से उनकी तस्वीर को हटाने की मांग कर सकते हैं। ये कहते हुए कि यह उनका खून और पसीना है और वे उनका चेहरा इस पर नहीं देखना चाहते हैं। तब क्या होगा?
तब वकील ने जवाब दिया कि महात्मा गांधी की तस्वीर भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार मुद्रा पर छपी थी, जबकि प्रधानमंत्री की तस्वीर किसी वैधानिक प्रावधान के आधार पर नहीं लगाई गई थी। वहीं केंद्र सरकार के वकील ने मामले में बयान दाखिल करने के लिए और समय मांगा। अब अदालत ने इस मामले की सुनवाई 23 नवंबर को तय की है।