स्विट्जरलैंड, जिनेवा : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस ने कहा कि 70 से ज्यादा देशों में इस वायरल इन्फेक्शन का प्रसार बेहद असाधारण स्थिति है। हालांकि इस बीमारी को इमरजेंसी घोषित करने पर आम सहमति नहीं थी। यह पहली बार है जब बिना आम सहमति के किसी बीमारी को इमरजेंसी करार दिया गया है। टेड्रोस से कहा कि यह ऐसी बीमारी है, जो दुनिया में नए-नए तरीकों से फैल रही है, जिसके बारे में हम बहुत कम जानते हैं। इन कारणों के चलते मैंने तय किया है कि मंकीपॉक्स पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी है। गौरतलब है कि मंकीपॉक्स वायरल इंफेक्शन है। इंसान को संक्रमित होने पर फीवर, गले में खराश, सांस में दिक्कत होती है। इसके अलावा चिकन पॉक्स की तरह शरीर में रैशेज, दाने बन जाते हैं जो पूरे शरीर पर दिखने लगते हैं। स्मॉल पॉक्स और चिकनपॉक्स में रैशेज शरीर के हर हिस्से में बनते हैं, तलवे और हथेली में नहीं बनते। मंकीपॉक्स में हथेली और तलवे में भी बनते हैं। स्मॉल पॉक्स में इस्तेमाल होने वाला वैक्सीन इसमें कारगर हो सकता है, लेकिन अभी यह अमेरिका और रूस में ही उपलब्ध है। दुनियाभर में अब तक मंकीपॉक्स के 16,836 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 16,593 मामले उन देशों में सामने आए, जहां पहले कभी मंकीपॉक्स के मामले नहीं आए थे। केवल 243 मामले उन देशों में समाने आए जहां मंकीपॉक्स की हिस्ट्री रही है। ये मामले अब तक 75 देशों में सामने आए हैं। इनमें 68 ऐसे देश हैं, जिनमें पहली बार मंकीपॉक्स के मामले मिले हैं जबकि सिर्फ छह देश ऐसे हैं, जहां पहले भी मंकी पॉक्स के मामले मिल चुके हैं।
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