हालांकि पुलिस के अनुसार, आग लगने से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। पुलिस के मुताबिक सांप्रदायिक हिंसा में कमिला, चांदपुर, चट्टोग्राम, कॉक्स बाजार, बंदरबन, मौलवीबाजार, गाजीपुर के हिंदू मंदिरों में पुलिस और हमलावरों के बीच झड़प हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सांप्रदायिक हिंसा में अब तक दर्जनों लोग भी गिरफ्तार हुए हैं l
बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद का आरोप है कि चांदपुर और नोआखली में हुए हमलों में कम से कम चार हिंदुओं की मौत हुई है। अर्धसैनिक बल के मीडिया विंग के सहायक निदेशक इमरान खान ने कहा कई लोगों को सांप्रदायिक हिंसा में शामिल होने और सोशल मीडिया पर लोगों को भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन्हें स्थानीय पुलिस स्टेशन को सौंप दिया गया है।
इससे पहले शनिवार को हमलावरों ने कई मंदिरों और हिंदुओं की कई दुकानों में तोड़फोड़ की और जमकर लूटपाट की और वाहनों को आग लगा दी। करीब सात घंटे तक वे पुलिस से भिड़ते रहे। इसके बाद इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल, अर्धसैनिक बल और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) को तैनात किया गया है। इस हिंसा में करीब 40 लोग घायल हुए हैं। इस संबंध में रविवार को 400 अज्ञात लोगों के खिलाफ दो मामले दर्ज किए गए हैं। उधर आज ढाका विश्वविद्यालय के छात्रों के एक समूह ने बांग्लादेश में मंदिरों, पूजा स्थलों और हिंदू समुदाय के घरों पर हमलों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे धार्मिक समूहों के साथ हाथ मिलाया। प्रदर्शनकारियों ने अल्पसंख्यक समूहों से संबंधित मामलों को संभालने के लिए एक अलग मंत्रालय के गठन का आह्वान किया। एक अलग रिपोर्ट में बांग्लादेश के प्रमुख अधिकार समूह ऐन ओ सलीश केंद्र के हवाले से कहा कि जनवरी 2013 और इस साल सितंबर के बीच अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर 3,679 हमले हुए।
इसमें कहा गया है कि हमलों में हिंदू समुदाय के 559 घरों और 442 दुकानों और व्यवसायों में तोड़फोड़ और आग लगाई गई। इसी अवधि में हिंदू मंदिरों, मूर्तियों और पूजा स्थलों पर तोड़फोड़ और आगजनी के कम से कम 1,678 मामले सामने आए। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन घटनाओं में हिंदू समुदाय के 11 नागरिकों की मौत हुई है, जबकि 862 अन्य घायल हुए हैं।