जेनेवा: वैश्विक महामारी कोरोना के तीसरी लहर की आशंकाओं के बीचएक बड़ा खुलासा हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ मौजूदा वैक्सीन कम असरदार हैं। हालांकि यह भी कहा गया है कि ये मौत के खतरे को कम करती हैं और गंभीर बीमारी से बचाती हैं।
गौरतलब है कि डेल्टा वैरिएंट पहली बार पिछले साल भारत में पाया गया था। डब्ल्यूएचओ की तकनीकी प्रमुख मारिया वैन केरखोव ने पत्रकारों से हुई बातचीत में कहा कि ताजा अध्ययन में कोरोना वायरस के अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ मौजूदा वैक्सीन के प्रभाव का आकलन किया गया। इसमें पाया गया कि डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ वैक्सीन का असर कम हो रहा है।
हालांकि, यह कमी उतनी ज्यादा नहीं है, जितनी दक्षिण अफ्रीका में पाए गए बीटा वैरिएंट के खिलाफ थी। उनका कहना है कि हालांकि वैक्सीन अधिक प्रभावी है, मौत और संक्रमण के खतरे को कम करती है