2010 को इजरायल में रहस्यमयी इंसान के अवशेष मिले थे। इंसानों के विकास संबंधी विज्ञान के इतिहास की ये बड़ी खोज मानी जा रही है। हालांकि इसकी खोज से वैज्ञानिक और बायोलॉजिकल आर्कियोलॉजिस्ट हैरान हैं। क्योंकि इस पूर्वज के दांत लंबे थे और इसकी ठुड्डी नहीं थी। जबकि इंसानों के पूर्वजों के साथ ऐसा नहीं था। इसलिए यह माना जा रहा है कि यह कोई समानांतर पूर्वज था जो इजरायल और उसके आसपास विकसित होते रहे होंगे।
मध्य इजरायल के रामला शहर में इस पूर्वज के अवशेष साल 2010 में मिले थे लेकिन इसका खुलासा अब किया गया है। इतने सालों से इसकी स्टडी हो रही थी। यह रामला के नेशहर सीमेंट प्लांट के पास स्थित नेशहर रामला प्रीहिस्टोरिक साइट के पास जमीन में 26 फीट नीचे मिला है। इस अवशेष के साथ कुछ प्राचीन उपकरण भी मिले हैं। साथ ही बड़े पैमाने पर जानवरों की हड्डियां, जिसमें घोड़े, हिरण और अरोक (Aurochs) नाम के मवेशी की हड्डियां भी शामिल हैं।
तेल अवीव यूनिवर्सिटी के पैलियोएंथ्रोपोलॉजिस्ट इजरायल हर्श्कोविट्ज ने कहा कि इन अवशेषों का अध्ययन करने में 10 साल से ज्यादा लग गए। क्योंकि ये हमें लगातार हैरान कर रहा था। जब भी आपको कोई जीवाश्म मिलता है, तो उसे पहले साफ करना होता है। फिर उसका रीकंस्ट्रक्शन करना पड़ता है। साथ ही दुनिया भर से सैंपल मंगाकर उनसे तुलना की जाती है ताकि हम उस अवशेष के इतिहास को बारीकी से समझ सके।
इजरायल हर्श्कोविट्ज ने बताया कि इतने अध्ययन के बाद ये पता चला कि नेशहर रामला की हड्डियां हमें ये बताती हैं कि इंसानों का एक पूर्वज और था। यह नए प्रकार का होमो (Homo) है. जो इंसानों के वंशवृक्ष का नया सदस्य है। इसके बारे में विज्ञान को पहले नहीं पता था। इसके अवशेषों की कार्बन डेटिंग से पता चला है कि ये 1.20 लाख से 1.40 लाख साल पुराना है। यानी इतने सालों पहले ये जीव धरती पर विचरण करता रहा होगा।
ये नया पूर्वज बहुत हद तक निएंडरथल (Neanderthals) से मिलता जुलता है। खास तौर से उसके दांत और जबड़े। लेकिन रहस्य वाली बात ये है कि आधुनिक इंसानों की तरह इस नए होमो (Homo) की खोपड़ी एकदम अलग थी. इसकी ठुड्डी नहीं थी। साथ ही इसके दांत बहुत लंबे थे।
इजरायल हर्श्कोविट्ज ने जब इस अवशेष को बाकी जीवाश्मों से मिलाया तो वो खुद हैरान थे। उन्होंने बताया कि इससे पहले वैज्ञानिक इतना परेशान उस अवशेषों को लेकर हुए थे जो 1.60 लाख साल पुराने हड्डियों को लेकर हुए थे जो ताबून गुफाओं में मिले थे। ऐसा ही वाकया जुट्टीयेह गुफा से मिले 2.50 लाख साल पुराने और केसेम गुफाओं से मिले 4 लाख साल पुराने अवशेषों के साथ भी हुआ था।
इजरायल की टीम ने देखा कि यह नया होमो इसी समूह से मिलता-जुलता है। इस इलाके में 4 से 10 लाख साल पहले इंसानों के ये पूर्वज रहते थे। हेब्रिव यूनिवर्सिटी ऑफ जेरुसलम के आर्कियोलॉजिस्ट योजी जैडनर और उनके साथियों ने इस नए अवशेष को नेशहर रामला में खोजा था। इनके साथ कुछ तीर और भालों के अवशेष भी मिले थे। जो ये बताते हैं कि इनका आधुनिक इंसानों और निएंडरथल मानव के साथ संबंध था।
इस खोज ये यह पता चलता है कि लाखों साल पहले धरती पर इंसानों के पूर्वजों के दो समूह धरती पर रह रहे थे। एक मिडिल ईस्ट में 1 लाख से 2 लाख साल के बीच। जहां आज नेशहर रामला के लोग रह रहे हैं। नेशहर रामला में रहने वाले लोग यहां 4 लाख साल से रह रहे हैं. जबकि, आधुनिक इंसानों की शुरुआत इस इलाके में 2 लाख साल पहले आए. इन पूर्वजों ने आपस में ज्ञान बांटे और एकदूसरे को हथियारों की जानकारी दी। दूसरा समूह जो अफ्रीका में विकसित हो रहा था।
जब वैज्ञानिकों ने इस नए होमो की तुलना बाकी इंसानों के पूर्वजों के साथ की तो ये उत्तरी स्पेन के अटाप्यूर्का पहाड़ की भूमिगत गुफा से मिले अवशेषों से काफी हद तक मिला। इस भूमिगत गुफा को सिमा डे लोस ह्यूसोस यानी हड्डियां का गड्ढा कहते हैं. इस गुफा में मिलने वाली हड्डियों में निएंडरथल मानव का संबंध था। जबकि अनजान इंसानी पूर्वज का संबंध डेनिसोवैन्स (Denisovans) से है।
इजरायल हर्श्कोविट्ज ने कहा कि हम इस अवशेष से DNA नहीं निकाल पाए, क्योंकि हम एक गर्म देश में रहते हैं। ज्यादा गर्मी में रहने से DNA टूट जाते हैं. इसलिए हम कभी भी 15 हजार साल पुराने अवशेषों को छोड़कर किसी भी प्राचीन अवशेष का डीएनए जांच नहीं कर पाते। हमने एक प्रयास किया था लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ। इजरायल की यह स्टडी 25 जून 2021 को साइंस जर्नल में प्रकाशित हुई है।
ये बात अलग है कि इस अवशेष में डीएनए नहीं मिला लेकिन ये इंसान की उत्पत्ति और विकास की कहानी को नया आयाम देने वाले हैं। इनसे ये पता चलेगा कि कैसे ये नए होमो निएंडरथल मानव से मिले। पुरानी स्टडी के मुताबिक होमो सैपिंयस यानी आधुनिक इंसान और यूरोपियन निएंडरथल मानवों ने करीब 2 लाख साल पहले संबंध बनाया था। अब इजरायल हर्श्कोविट्ज को ये लगता है कि आधुनिक इंसान और नेशहर रामला के पूर्वजों के समूह ने यूरोपियन निएंडरथल मानव में आधुनिक इंसान के डीएनए की उत्पत्ति करवाई थी।
इजरायल की स्टडी से पता चलता है कि अफ्रीका, यूरोप और एशिया के चौराहे पर मौजूद इजरायल देश में मिले ये नए पूर्वज पूर्व की तरफ गए होंगे। क्योंकि इससे मिलते जुलते निएंडरथल मानव के जीवाश्म एशिया में भी मिले हैं। अब सबसे बड़ा रहस्य ये है कि हमें ये नहीं पता कि नेशहर रामला के लोग कैसे मरे। क्योंकि आमतौर पर ज्यादातर मध्य प्लीस्टोसीन समूह के इंसानी पूर्वज अफ्रीकन पूर्वजों से हार गए थे। करीब 70 से 80 हजार साल पहले पूरी दुनिया में इंसानों के अफ्रीकी पूर्वजों का राज था ।