पाकिस्तान, इस्लामाबाद : पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष के फैसले पर अपना फैसला सुना दिया है। अदालत ने संसद भंग के फैसले को गलत करार दिया है। अब इमरान खान को 9 अप्रैल को नैशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ेगा। अदालत ने नेशनल असेंबली के अध्यक्ष के फैसले को गैर संवैधानिक बताया है।
इस पूरे मामले पर कोर्ट का कहना है कि प्रधानमंत्री इमरान खान संविधान से बंधे थे, इसलिए वह राष्ट्रपति को विधानसभाओं को भंग करने की सलाह नहीं दे सकते थे। अदालत ने कहा है कि तीन अप्रेल को नेशनल असेंबली में उपाध्यक्ष ने जो फैसला सुनाया वो गलत था। इससे पहले मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने कहा था कि नेशनल असेंबली में अप्रेल को डिप्टी स्पीकर द्वारा दिया गया फैसला संविधान के अनुच्छे 95 का उल्लंघन दिखाई देता है।
इस बीच इमरान खान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्हें इमरान खान की बढ़ती शख्सियत पच नहीं रही थी, इसलिए उन्होंने ऐसा कदम उठाया। जियो टीवी पर लाइव पत्रकार वार्ता के दौरान कुरैशी ने सिलसिलेवार घटनाक्रम का जिक्र करते हुए विपक्ष के सभी आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने ब्रसेल्स भेजे गए पाकिस्तान के राजदूत पर उठे सवालों को भी खारिज किया है I