श्रीलंका, कोलंबो : श्रीलंका में आर्थिक संकट गहराने के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों पर काबू पाने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाया है। फेसबुक, ट्विटर , व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम सहित तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आउट ऑफ सर्विस हो गए हैं। गौरतलब है कि विदेशी मुद्रा भंडार में बीते दो साल में 70 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है। इस वजह उसे अपनी जरूरत की अनिवार्य वस्तुओं का आयात करने में भी दिक्कत आ रही है।
मुद्रा डॉलर के मुकाबले कमजोर हो गई है और उसने दुनिया के कई देशों से मदद मांगी है। इसके अलावा वहां महंगाई का आलम ये है कि पेट्रोल-डीजल से लेकर खाने-पीने की सामान्य चीजों के दाम चरम पर पहुंच गई है। विरोध प्रदर्शनों पर काबू पाने के लिए कर्फ्यू लगाया गया है। इस दौरान आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य कामों से लोग बाहर नहीं निकल पाएंगे। 2.2 करोड़ की आबादी वाला श्रीलंका आजादी के बाद से सबसे बुरी त्रासदी झेल रहा है।
सरकार ने हालात से निपटने के लिए 1 अप्रैल को आपातकाल लागू किया है। राष्ट्रपति कार्यालय से जारी आदेश में कहा गया है कि देश में कानून व्यवस्था कायम रखने, आवश्यक चीजों की सप्लाई को जारी रखने के लिए ये फैसला लिया गया। बताया जा रहा है कि आर्थिक संकट अब लोगों के जी का जंजाल बन चुका है। यही वजह है कि देशभर में आगजनी, हिंसा, प्रदर्शन, सरकारी संपत्तियों में तोड़ फोड़ चल रही है। लंबे पावर कट, खाने-पीने की चीजों समेत श्रीलंका कई दिक्कतों से जूझ रहा है। यही कारण है कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को आपातकाल की घोषणा करनी पड़ी।