श्रीलंका, कोलंबो : आजादी के बाद से सबसे बड़े एवं बुरे आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका ने आखिरकार खुद को दिवालिया मान लिया है। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने संसद को संबोधित करते हुए कहा कि हम दिवालिया हो चुके हैं। इस आर्थिक संकट से अभी निजात नहीं मिलने वाली है, यह संकट अगले 2023 में भी जारी रहेगा। यही सच्चाई है और हमें यह स्वीकार करना ही होगा। उन्होंने कहा संपन्न श्रीलंका इस साल गहरी आर्थिक मंदी में चला गया है और वहां पर खाद्य, ईंधन और दवाओं की किल्लत अभी बनी रहेगी। उन्होंने कहा है कि अगस्त में हम आईएमएफ से राहत पैकेज के लिए बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि इस समय हम एक दिवालिया देश के रूप में समझौते के लिए बातचीत कर रहे हैं। ऐसे में हमें आईएमएफ को कर्ज को चुकाने का एक अलग से टिकाऊ योजना पेश करना होगा। साथ ही उस योजना से आईएमएफ के संतुष्ट होने पर ही आर्थिक सहायता मिलेगी।गौरतलब है कि श्रीलंका में आर्थिक संकट कितना गहरा है और खाने-पीने की चीजों की कैसी किल्लत है। इसे संयुक्त राष्ट्र संघ के ताजा आंकलन से समझा जा सकता है। उसके अनुसार श्रीलंका में 80 फीसदी जनता महंगाई और खाने-पीने की चीजों की किल्लत के कारण, भोजन दोनों समय नहीं कर पा रही है। श्रीलंका में इस समय पेट्रोल-डीजल की उपलब्धता नहीं के बराबर है और सरकार ने गैर जरूरी सार्वजनिक सेवाओं को भी ईंधन बचाने के लिए बंद कर दिया है।
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