अफगानिस्तान, काबुल : अफगानिस्तान में तालिबान के सर्वोच्च नेता हैबतुल्लाह अखुंदजादा के पहली बार सार्वजनिक रूप से सभी के सामने आने की बात सामने आई है। जानकारी के मुताबिक अखुंदजादा ने पहली बार कंधार में अपने समर्थकों को संबोधित किया। ये उसकी पहली सार्वजनिक उपस्थिति थी।
गौरतलब है कि अखुंदजादा तालिबान का सवोच्च नेता के अलावा सुप्रीम कमांडर भी है। अखुंदजादा की मौजूदगी का पता दो दशक में अमेरिका भी नहीं लगा सका। अफगानिस्तान पर कब्जा करने के कुछ दिन बाद तालिबान ने कहा था कि अखुंदजादा कंधार में ही है और वो जल्द ही सभी के सामने आएगा। तालिबान की सरकार बनने के दौरान भी माना जा रहा था कि अखुंदजादा सामने आएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
वे 2016 से ही इस्लामी आंदोलन के आध्यात्मिक प्रमुख है। वो बेहद कम ही सार्वजनिक तौर पर सामने आता रहा है। हालांकि तालिबान के सभी सर्वोच्च नेता इसी तरह से छिपकर रहे हैं। तालिबाान की सरकार का गठन भी उसकी ही मर्जी के तहत किया गया। पिछले दिनों उसकी मौत तक ही खबरें सामने आई थी। हालांकि उसकी सार्वजनिक मौजूदगी की खबर से ये खबरें झूठी साबित हो रही हैं। अखुंदजादा की सार्वजनिक तौर पर उपस्थिति पर तालिबान की तरफ से कहा गया है कि उसने शनिवार को दारुल उलूम हकीमा मदरसे में अपने लड़ाकों और अपने समर्थकों से बात की थी। इस दौरान उसकी सुरक्षा बेहद कड़ी थी।
किसी को भी उसकी फोटो लेने तक की इजाजत नहीं थी। हालांकि तालिबान ने उसके संबोधन की एक छोटी सी आडियो क्लीप अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जरूर साझा की है। अखुंदजादा को अमीरुल मोमिनीन के रूप में भी जाना जाता है, जो एक धार्मिक संदेश देता है। बताया गया है कि उसने अपने भाषण में राजनीति के बारे में कोई बात नहीं की बल्कि तालिबान नेतृत्व के लिए ईश्वर का आशीर्वाद मांगा। साथ ही उसने अमेरिका के साथ जंग में मारे गए और घायल हुए लड़ाकों के लिए भी प्रार्थना की। मालूम हो कि वर्ष 2016 में मुल्ला अख्तर मंसूर के मारे जाने के बाद अखुंदजादा को तालिबान का नेता नियुक्त किया गया था। मंसूर की मौत अमेरिका के ड्रोन हमले में हुई थी।