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रील लाइफ में भले ही वह विलेन का दमदार किरदार निभाता हो, लेकिन रियल लाइफ में उसकी छवि रॉबिन हुड वाली है। आम लोगों ने उसकी छवि फिल्म स्टार से ज्यादा भगवान या मसीहा वाली है।
हम यहां बात कर रहे हैं अभिनेता सोनू सूद की। दक्षिण भारतीय सिनेमा से बॉलीवुड के गलियारों तक अपने अभिनय का लोहा मनवाने वाले सोनू सूद आज एक जाना माना नाम बन चुका है। अगर यह कहे कि उसकी नाम ही इसकी पहचान है तो शायद अतिशयोक्ति नहीं होगी।
एक सफल अभिनेता से लेकर कोरोना त्रासदी के दौरान बेसहारों का सहारा बने सोनू सूद ने अपने जीवन में काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं। उन्होंने अपने सफल फिल्मी करियर में हिंदी, तेलुगू, तमिल, कन्नड़ और पंजाबी भाषा की कई दर्जन फिल्मों में काम कर अपनी अलग पहचान बनाई।
30 जुलाई 1973 को जन्मे 47 वर्षीय अभिनेता सोनू सूद पंजाब के मोगा से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा मोगा में ही सेक्रेड हार्ट स्कूल से की और अपनी कॉलेज की शिक्षा व्हाई.सी.सी नागपुर से की। उन्होंने मॉडलिंग के लिए यशवंतराव चव्हाण कॉलेज में दाखिला लिया। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक में इंजिनीरिंग की डिग्री भी हासिल की है। उनके पिता शक्ति सागर सूद पेशे से एक उद्यमी थे और माता सरोज सूद एक अध्यापिका थीं। उनके दो बहनें भी मालविका सूद और मोनिका सूद भी है।
“If I can’t give back to society, then this isn’t the good life I am leading.” ― Sonu Sood
वे जब इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे उसी दौरान उनकी मुलाकात सोनाली से हुई। जान पहचान आगे बढ़ी और 25 सितंबर 1996 को दोनों विवाह के बंधन में बंध गए। उनके सुखी संसार में इशांत व अयान का बसेरा है। दुनिया के साथ-साथ पत्नी और बच्चे भी उन पर गर्व करते हैं।
अपने शुरुआती दौर में उन्होंने जीविका के लिए बतौर मॉडल काम किया। उनके अभिनेता बनने का सपना वर्ष 1999 में तमिल भाषा की फिल्म कालजघर से पूरी हुई। इसके बाद वे दक्षिण भारतीय सिनेमा के पटल पर छा गया गए। यहां मिली सफलता से उत्साहित सोनू ने बॉलीवुड की ओर कदम बढ़ाया। वर्ष 2002 में उन्होंने शहीद–ए– आजम फिल्म में भगत सिंह के किरदार से बॉलीवुड में अपनी शुरुआत की। अभिषेक बच्चन के साथ उन्होंने फिल्म युवा में अपने अभिनय का जलवा दिखाया।
फिल्म जोधा अकबर में उन्होंने जोधा के भाई राजकुमार सूजामल का किरदार निभाया। हालांकि उन्हें जिस सफलता की तलाश थी, वह उन्हें 2010 में आई फिल्म दबंग से मिली। फिल्म निभाया गया छेदी सिंह का किरदार उन्हें लोकप्रियता के शिखर तक ले गया। अब वह बॉलीवुड का जाना माना नाम बन चुके थे। उन्होंने भारतीय अभिनेत्रियों दिशा पटानी और अमायरा दस्तूर के साथ 2017 में जैकी चैन की फिल्म कुंग फू योगा में अभिनय किया।
फिल्मों में नकारात्मक किरदार निभाने वाले सोनू वर्ष 2020 में आई कोरोना संकट के दौर में असली हीरो बनकर उभरे। उन्होंने इस दौरान हजारों लाखों प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए एक मसीहा बनकर सामने आए। कोविड-19 महामारी के वजह से लागू देशव्यापी लॉकडाउन के समय उन्होंने ऐसे हजारों लाखों प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाया, जिनके पास न तो रोजगार था न ही पैसे। ऐसे बेसहारा और बेबस प्रवासी मजदूरों को उन्होंने अपने खर्चे पर उनके गांव पहुंचाने का काम किया।
केवल प्रवासी मजदूर ही नहीं बल्कि हर उस व्यक्ति को उनके गंतव्य तक पहुंचाया, जिसकी आस लगाए लोग उनके दरवाजे पर पहुंचे थे। कोरोना काल के दौरान उनकी इस निस्वार्थ सेवा की चर्चा मीडिया की सुर्खियां बनी और देखते ही देखते हुए पूरे देश के लिए मिसाल बन गए। पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने संकट में प्रवासी कामगारों की मदद के लिए मोगा बॉय सोनू सूद की सराहना की। उन्होंने सूद की सराहना करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल लिखा कि जब भी मैं अपने साथी पंजाबियों के बारे में पढ़ता हूं, जो जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए अपने कर्तव्य से परे जाने के बारे में पढ़ते हैं, तो यह मुझे बहुत गर्व से भर देता है।
I feel motivated every day by seeing people and listening to them when it comes to fitness. ― Sonu Sood
इस बार यह हमारा मोगा लड़का सोनू सोनू है, जो सक्रिय रूप से प्रवासी श्रमिकों की व्यवस्था करके मदद कर रहा है। उनका भोजन और परिवहन। अच्छा काम सोनू! वहीं दूसरी ओर सोनू को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने प्रतिष्ठित एसडीजी स्पेशल ह्यूमेनिटेरियन एक्शन अवार्ड से सम्मानित किया है। उन्हें वर्चुअल कार्यक्रम में पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इतना ही नहीं बल्कि घरेलू एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट ने उनकी काम की प्रशंसा को सम्मानित करने के लिए उनकी तस्वीर अपने विमान में लगाया है। स्पाइसजेट बोइंग 737 ने उनकी तस्वीर अपने विमान में चिपका दी है।
जिसमें लिखा है ए सैल्यूट टू सैवियर सोनू सूद। हजारों लाखों युवाओं की प्रेरणा स्त्रोत बने सोनू की बॉडी भी काफी फिट है और उनकी इसी फिटनेस पर लड़कियां फैन है। वे वाकई में मददगार है इसका ताजा उदाहरण बिहार में सोशल मीडिया पर छाए नालंदा के सोनू कुमार की है। वह अब पटना के बड़े इंग्लिश स्कूल में पढ़ाई करेगा। बिहार के नेता भले ही सोनू से मिलकर अपनी फोटो खिंचाते रहे, उसे आश्वासन देते रहे. लेकिन कोरोना काल में लोगों के भगवान बनकर उभरे अभिनेता सोनू सूद ने फिर साबित कर दिया कि वह कहने में नहीं करने में यकीन में रखते हैं। किसी ने उनसे ट्विटर पर सोनू की मदद करने की मांग की। नतीजा यह हुआ कि कुछ घंटे में ही सोनू का दाखिला पटना के बड़े इंग्लिश स्कूल में हो गया। इस बात की पुष्टि खुद अभिनेता अपने ट्विटर पोस्ट से की है।
गौरतलब है कि दिसंबर 2020 में उन्होंने अपनी किताब आई एम नो मसीहा को प्रकाशित किया,जो की एक ऑटोबायोग्राफी पुस्तक है, जिसमे उनकी एक अभिनेता बनने के लिए उनकी यात्रा का पूरा वर्णन है। यह किताब कोरोना महामारी के दौरान उनके द्वारा किये गए सामाजिक कार्यो के बारे में बताती है।