असम की 126 सदस्यीय विधानसभा में इस बार छह महिलाएं बतौर जनप्रतिनिधि सदन में कदम रखेंगी। इसका मतलब सदन में महिलाओं का प्रतिनिधित्व केवल 4.76 होगा । चुनाव में 74 महिला उम्मीदवार मैदान में उतरी थीं, जो कुल 946 उम्मीदवारों में से महज 7.82 प्रतिशत रहा था।
छह जीतने वाली महिला उम्मीदवारों में तीन भाजपा से, दो कांग्रेस से और एक असम गण परिषद (अगप) से हैं। अगप उम्मीदवार रेणुपमा राजखोवा ने कांग्रेस की पल्लबी गोगोई को हराकर अपनी सीट बरकरार रखी। राजखोवा को जहां 47,555 वोट मिले, वहीं गोगोई को 46,205 वोट मिले। वे 2016, 1996 और 1991 में इस क्षेत्र से चुनी गयी थीं। चार बार की विधायक और पूर्व कांग्रेस मंत्री अजंता नेउग ने इस बार भाजपा के टिकट पर गोलाघाट में जीत दर्ज की।
उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के बिटुपन सैकिया को 9,325 मतों के अंतर से हराया। नेउग को जहां 81,651 वोट मिले, वहीं सैकिया को 72,326 मत मिले। अजंता 2001 से लगातार इस सीट पर जीत दर्ज करती आ रही हैं। वे तरुण गोगोई सरकार मेंें कैबिनेट मंत्री भी रही हैं। हाजो से भाजपा उम्मीदवार सुमन हरिप्रिया ने असम जातीय परिषद (एजेपी) के दुलु अहमद को 14,368 मतों के अंतर से हराया।
भाजपा की नंदिता गार्लोसा ने कांग्रेस के निर्मल लंगथासा के खिलाफ हाफलांग से जीत दर्ज की। दूसरी ओर कांग्रेस की दो महिला उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। कांग्रेस उम्मीदवार नंदिता दास दूसरी बार बोको (एससी) सीट से चुनी गयीं। उन्होंने अगप के ज्योति प्रसाद दास को 52,519 मतों के अंतर से हराया। नंदिता को 1,20,504 वोट मिले, वहीं उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी ज्योति प्रसाद को 67,985 वोट मिले।
बटद्रवा से कांग्रेस की शिवामनी बोरा ने भाजपा की मौजूदा महिला विधायक अंगूरलता डेका को हराया। शिवामनी ने 84,278 वोट हासिल किए, जबकि अंगुरलता को 51,458 वोट मिले। दोनों महिला उम्मीदवारों के बीच वोटों का अंतर 32,820 रहा।