पंजाब, चंडीगढ़: अरे जिंदगी है खेल, कोई पास कोई फेल, खिलाड़ी है कोई, अनाड़ी है कोई । बॉलीवुड की सुपरहिट फिल्म सीता और गीता का यह मशहूर गाना वर्तमान पंजाब में सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस के अंदर चल रही सियासत की जंग पर सटीक बैठती है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रही वर्चस्व की लड़ाई का कोई अंत नजर नहीं आ रहा है। आपसी लड़ाई को खत्म करने के लिए सिद्धू को उप मुख्यमंत्री का पद दिया जा रहा था, लेकिन उन्होंने लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद मामला उलझने के बजाय और उलझ गया है।
इसके अलावा उन्हें संगठन में राष्ट्रीय स्तर के पदवी का भी प्रस्ताव दिया गया, जिसे उन्होंने खारिज कर दिया। सिद्धू ने साफ कर दिया था कि उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है और वे पंजाब में रहकर ही काम करना चाहते हैं।
गौरतलब है कि दोनों नेताओं के बीच एक लंबे समय से खींचतान चल रही है। गुरु ग्रंथ साहिब अपमान मामले में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ कार्रवाई न किए जाने को लेकर यह तनातनी चल रही है।
दोनों ने इस मुद्दे को अपने प्रतिष्ठा का विषय बना लिया है। बताया जाता है कि पार्टी हाईकमान मामले को जल्द से जल्द समझाना चाहती है। पार्टी का मानना है कि यह रार अगर लंबी चलती है तो इसका खामियाजा पार्टी को भुगतनी पड़ सकती है।