पुलिस महानिदेशक ने दिया भावनात्मक और व्यवहारिक संदेश
हरियाणा चंडीगढ़ : हरियाणा पुलिस के एसएचओ से लेकर आईजी और एडीजी तक सभी अधिकारियों को एक भावनात्मक और व्यवहारिक संदेश दिया गया है कि सरकारी दफ्तर जनता के पैसे से बना है, यह उनकी सहायता के लिए है, सत्ता प्रदर्शन के लिए नहीं। पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह की तरफ से जारी संदेश में कहा गया है कि पुलिस अधिकारियों को अपनी पब्लिक डीलिंग को एक फाइन आर्ट की तरह विकसित करना चाहिए, जिसका संबंध ऑफिस के माहौल, व्यवहार और प्रबंधन क्षमता से है।
डीजीपी ने सुझाव दिया है कि अफसर अपने ऑफिस का टेबल छोटा रखें, तौलिए का इस्तेमाल न करें और विजिटर्स को समान स्तर की कुर्सी पर बैठाएं। जिन थानों या दफ्तरों में कॉन्फ्रेंस हॉल नहीं है, वहां विजिटर्स रूम बनाया जाए, जिसमें साहित्यकार प्रेमचंद, दिनकर, रेणु की किताबें रखी जाएं और एक प्रशिक्षित कर्मी आगंतुकों से विनम्रता से बात करे। संदेश में कहा गया है कि शिकायतकर्ता को सुनते समय मोबाइल दूर रखें, उनकी बात ध्यान से सुनें और एक सप्ताह में तीन में से कोई एक कार्रवाई अवश्य करें। इसमें मुकदमा दर्ज करें, सिविल शिकायत सीएम विंडो में डालें या झूठी शिकायत पर चेतावनी दें। अंत में कहा गया है कि पुलिस बल है और सेवा भी। खुश-अख़लाक़ी वह दौलत है जो हर दिल को जीत लेती है।
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