असम, गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों की उपस्थिति में आज बोकाखात में गैंडे के सींगों को आग के हवाले किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि गैंडे के सींग में मौजूद औषधीय गुण जैसे मिथ को तोड़ने के लिए उन्हें सार्वजनिक रूप से जलाया जाना आवश्यक था। आज 2479 गैंडे के सींग जलाए गए।
उन्होंने कहा कि जंगली जानवरों के अवैध शिकार को लेकर राज्य सरकार बेहद गंभीर है। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि वर्ष 1999 में राज्य में 1672 एक सींग वाले गैंडे थे। सरकारी प्रयासों से साल 2018 तक उनकी संख्या बढ़कर 2652 हो गई हैं। उन्होंने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर गैंडे के सींग को जलाने की यह दुनिया भर में अपनी तरह की पहली और अनोखी घटना है। इस कार्यक्रम से अवैध शिकारियों को कड़ा संदेश जाएगा कि सरकार वन्य जंतु संरक्षण के प्रति संवेदनशील और गंभीर है।
उन्हें कई लोगों ने सलाह दी थी कि गैंडे के सींग को बेचकर राजस्व अर्जित किया जा सकता है। पर वे इसके सख्त खिलाफ है। जिस तरह राज्य सरकार मानव अंग तस्करी के खिलाफ है ठीक उसी तरह वन्य जंतुओं के अंगों को बेचने के भी विरोध में है। दूसरे गैंडे के सींग को बेचने से इस अवधारणा को बल मिलेगा कि उनमें औषधीय गुण है।
कार्यक्रम में पर्यावरण और वन मंत्री परिमल शुक्ल वैद्य, कृषि मंत्री अतुल बोरा, स्वास्थ्य मंत्री केशव महंत, हथकरघा और कपड़ा मंत्री यूजी ब्रह्म, कार्बी आंगलोंग स्वशासी परिषद के मुख्य कार्यकारी सदस्य सीईएम तुलीराम रोंगहंग के अलावा कई शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे।