गुजरात, अहमदाबाद : गुजरात के अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट में 38 को सजा ए मौत, 11 दोषियों को उम्रकैद। विशेष अदालत ने सुनाया फैसला। 70 मिनट में हुए 21 धमाकों से ना सिर्फ अहमदाबाद दहला था, बल्कि उसकी गूंज देश ने सुनी थी। साल 2008 में हुए इन धमाकों में 56 लोगों की मौत हुई थी और 200 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे। बम धमाका मामले में 13 साल बाद आए फैसले में विशेष न्यायाधीश ए आर पटेल ने 7 हजार 15 रिश्तो का अपना फैसला सुनाया।
अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत से सभी दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की गई थी। वहीं बचाव पक्ष ने कम से कम सजा की अपील अदालत से की थी। गौरतलब है कि अहमदाबाद विस्फोट मामले में सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एआर पटेल ने 8 फरवरी को फैसला सुनाते हुए 49 आरोपियों को दोषी करार दिया था। अदालत ने 77 में से 28 आरोपियों को बरी कर दिया था। साल 2008 में अहमदाबाद में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे।
इस घटना में 56 लोगों की मौत हुई थी, साथ ही 200 लोग घायल हो गए थे। यह दिल दहला देने वाली घटना 26 जुलाई 2008 को घटी थी। अदालत ने बम धमाकों में मृतकों के परिजनों को 1-1 लाख, घायलों को 50 50 हजार तथा मामूली रूप से जख्मी हुए लोगों को 25-25 हजार का मुआवजा देने का निर्देश दिया है। सिलसिलेवार हुए बम धमाकों में 56 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 244 के करीब लोग घायल हो गए थे।
घायल हुए व्यक्तियों में अहमदाबाद शहर भाजपा के नेता प्रदीप परमार भी शामिल थे, जो अब राज्य सरकार ने सामाजिक एवं न्याय मंत्री बनाए गए हैं। पहले 2 फरवरी को इस मामले में फैसला आना था, लेकिन विशेष अदालत के न्यायाधीश एआर पाटले कोरोना संक्रमित हो गए थे, जिसके बाद इसे 8 फरवरी तक के लिए टाल दिया गया। 26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद में एक घंटे के भीतर 21 बम धमाके हुए थे। अहमदाबाद पुलिस ने इस मामले में 20 प्राथमिकी दर्ज की थी। वहीं सूरत में भी 15 और एफआईआर दर्ज की गईं थी। इन बम धमाकों में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी आतंकियों की गिरफ्तारी के आदेश दिए थे।