पंजाब, चंडीगढ़ : कांग्रेस नेता एवं गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के अगले दिन पंजाब पुलिस ने देहरादून में दबिश देकर 6 लोगों को हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि इनमें से एक युवक इस हत्या की साजिश में शामिल था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने तिहाड़ में बंद कई गैंगस्टर से मामले में पूछताछ की। मालूम हो कि गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई ने हत्या की जिम्मेदारी ली है। इधर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ऐलान किया कि घटना की जांच हाई कोर्ट के मौजूदा जज से करवाई जाएगी।
मूसेवाला के पिता ने चिठ्ठी लिखकर यह मांग की थी, जिसे मुख्यमंत्री ने मान लिया। इसके लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से भी मदद करने को कहा जाएगा। गौरतलब है कि पंजाब के मनसा जिले में 29 मई को अज्ञात लोगों ने मूसेवाला पर गोली चलाई, जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। अज्ञात हमलावरों ने अचानक से सिद्धू मूसेवाला पर एके-47 से करीब 30 राउंड फायरिंग की। इस घटना पर असम के राष्ट्रीय स्तर के मानव अधिकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. दिव्यज्योति सैकिया ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
उन्होंने कहा कि घटना के मूल आरोपी कौन है इसका पता तो बाद में ही चल पाएगा। हकीकत में देखा जाए तो इस घटना के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवत मान एवं गृह विभाग दोषी है। सरकार ने बिना किसी जांच पड़ताल के निजी सुरक्षाकर्मी वापस लेने की वजह से यह घटना हुई है। उन्होंने इसे मानवाधिकार उल्लंघन का घटना करार दिया है। उन्होंने इस बारे में असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत विश्व शर्मा का जिक्र करते हुए कहा कि असम सरकार ने बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा किए ही उनके साथ-साथ राज्य के कई विशिष्ट लोगों की सुरक्षा वापस ले ली है। इनमें ड्रग्स और अंधविश्वास के खिलाफ काम करने वाले लोग भी शामिल हैं। इससे अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं की वे गृह विभाग को मनमाने ढंग से चला रहे हैं।