असम, गुवाहाटी : केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि निकट भविष्य में देश में कम से कम 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां खोली जाए। आज यहां पूर्वोत्तर राज्यों के व्यापार और उद्योग के हितधारकों के साथ बजट के बाद हुई बातचीत में यह संकेत दिया।
उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विभिन्न उद्योग जगत और व्यापार निकायों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार डिजिटल बुनियादी ढांचे को बढ़ाकर अपना ध्यान विकास पर केंद्रित करना चाहती है ताकि भविष्य में और अधिक सकारात्मक कदम उठाया जा सके। सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि विभिन्न क्षेत्रों में प्रौद्योगिकियों का उपयोग कर देश को डिजिटल रूप से तैयार किया जा सके। ऐसा होने पर हम आने वाले 25 वर्षों में शीर्ष पर होंगे।
डिजिटल क्षमताओं की स्थापना के बारे में बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डिजिटल ढांचागत विकास न केवल कृषि, चिकित्सा और शिक्षा आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में मदद करेगा बल्कि देश के दूर-दराज के क्षेत्रों में लोगों को शिक्षा का ज्ञान पहुंचाने में भी मदद करेगा। यह हमारी डिजिटल विश्वविद्यालय के अवधारणा को भी पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि पीएम की गति शक्ति पहल में व्यापक भावना और दर्शन है, जिसका उद्देश्य बुनियादी ढांचे, योजना, निवेश और समन्वय का मार्गदर्शन करना है। उन्होंने आगे बताया कि वित्त मंत्रालय पूंजीगत व्यय में निवेश जारी रखने के साथ-साथ अधिक व्यवस्थित मार्गदर्शन प्रदान करने जा रहा है।
इस कदम से बुनियादी ढांचे में हो रहे विभिन्न निवेशों के बीच तालमेल स्थापित होगा। इस दौरान मंत्री ने व्यापार और उद्योग के हितधारकों से अपने विचार और प्रश्न साझा किए। सवालों के जवाब में मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में बहुत कुछ है और एकत्रीकरण पूर्वोत्तर क्षेत्र के विभिन्न हितधारकों के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने में मदद करेगा। सरकार प्रतिभागियों से मिलने वाले प्रस्तावों पर भी अपना संपूर्ण सहयोग देगा। इस बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड, वित्त सचिव और सचिव, व्यय डॉ. टी वी सोमनाथन, वित्तीय सेवाएं विभाग के सचिव संजय मल्होत्रा, राजस्व विभाग के सचिव तरुण बजाज, आर्थिक मामलों के विभागीय सचिव अजय सेठ और मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन भी उपस्थित थे।