असम, गुवाहाटी : केंद्रीय आयुष, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के तहत 800 नए जन औषधि केंद्र पूर्वोत्तर में स्थापित किए जाएंगे। इनमें असम में 400 के आसपास केंद्र की स्थापना की जाएगी। यह घोषणा केंद्रीय मंत्री ने आज गुवाहाटी में आयोजित जनऔषधि दिवस समारोह में हिस्सा लेते हुए कहीं।
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने जन औषधि केंद्रों के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले व्यक्तियों को पुरस्कार भी वितरित किए। जन औषधि सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार रूपा छेत्री को, जन औषधि ज्योति पुरस्कार डॉ. सीमा बोरा और अर्चना बरठाकुर को, जन औषधि मित्र पुरस्कार मुकेश सिंह को और जन औषधि दूत पुरस्कार भार्गव वैश्य को दिया गया। इस कार्यक्रम में गुवाहाटी के सांसद क्वीन ओझा के साथ सरकारी आयुर्वेदिक महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रमाकांत शर्मा ने भी भाग लिया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जन औषधि परियोजना न केवल आम लोगों को एक बड़ी सेवा प्रदान कर आत्मानिर्भर बना रहा है बल्कि एक सम्मानजनक आजीविका कमाने का भी अवसर प्रदान कर रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि आज जन औषधि केंद्रों में एलोपैथिक दवाओं के अलावा आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथी की पारंपरिक दवाएं भी उपलब्ध हैं। केंद्र सरकार भी पूर्वोत्तर में 800 जन औषधि केंद्र स्थापित करने का लक्ष्य लेकर चल रही है, जिसमें असम में 400 केंद्र शामिल हैं। वे इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हर संभव मदद करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि देश भर में 8689 जनऔषधि केंद्र कार्यरत हैं। इसमें उत्पाद समूह में 1451 दवाएं और 240 सर्जिकल उपकरण शामिल हैं।