महाराष्ट्र/मुंबई, पश्चिम बंगाल/ कोलकाता : देश में कोरोना के मामलों में लगातार कमी आ रही है। इसी को देखते हुए महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने राज्य में लागू सभी कोरोना प्रतिबंधों को हटाने का फैसला किया है। कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगाई गई। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि 2 अप्रैल से राज्य में फेस मास्क पहनना स्वैच्छिक होगा।
यानी अब ये जनता पर निर्भर होगा कि वे मास्क पहने या ना पहने। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। टोपे ने कहा कि मराठी नव वर्ष गुड़ी पड़वा से महामारी रोग अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत सभी कोविड-19 संबंधित प्रतिबंध वापस ले लिए जाएंगे। महाराष्ट्र में दो साल से अधिक समय के बाद अनिवार्य रूप से मास्क पहनने सहित महामारी संबंधी सभी प्रतिबंध लागू हैं। त्योहारों से पहले राज्य सरकार की ओर से दी गई राहत से लोगों के बीच खुशी का माहौल है। गुड़ी पड़वा इस बार 2 अप्रैल को पड़ रहा है और इसी दिन से पाबंदियों में राहत भी दी जाने लगेगी। इस दौरान उन्होंने मास्क पहनने को लेकर भी घोषणा की गई है। इस तरह मास्क की अनिवार्यता को खत्म करने वाला पहला राज्य महाराष्ट्र बन गया है। महाराष्ट्र के मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने भी इसको लेकर ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि राज्य मंत्रिमंडल ने राज्य में सभी मौजूदा कोविड-19 प्रतिबंधों को हटाने का फैसला किया है। अब राज्य में सभी त्योहार धूमधाम से मनाए जा सकते हैं, मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
ये फैसला 2 अप्रैल से लागू हो जाएगा। गौरतलब है कि सीएम उद्धव ठाकरे ने अपनी रीढ़ की सर्जरी के बाद पहली बार व्यक्तिगत रूप से राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में भाग लिया। उन्होंने नवंबर 2021 में अपनी रीढ़ की हड्डी की सर्जरी कराई थी। पश्चिम बंगाल में कोविड-19 की स्थिति में काफी सुधार होने के बीच राज्य सरकार ने कोरोना को लेकर लागू सभी सभी प्रतिबंधों को हटा दिया है। ये आदेश गुरुवार आधी रात के बाद से लागू हो जाएंगे। सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में में कहा गया कि पहले के आदेशों के आधार पर लागू कोरोना प्रतिबंधों को वापस लिया जाता है। हालांकि मास्क पहनने और साफ-सफाई पर सख्ती जारी रहेगी। पश्चिम बंगाल में मार्च 2020 में महामारी की चपेट में आने के लगभग दो साल बाद प्रतिबंधों को वापस ले लिया गया।