नई दिल्ली: भारत की एक और बेटी सिरीशा बांदला अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरने वाली हैं। कल्पना चावला के बाद वह दूसरी ऐसी महिला है जो यह कारनामा कर दिखाएंगी। आंध्र प्रदेश के गुंटूर में जन्मी सिरीशा वर्जिन गेलेक्टिक के वीएसएस इकाई से पांच अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ रवाना होंगी।
वह अमेरिका के ह्यूस्टन में पली-बढ़ीं और अब अंतरिक्ष के सैर पर निकलने वाली हैं। उनकी इस उपलब्धि पर भारत में भी खुशी की लहर है। जिस वीएसएस इकाई स्पेसक्राफ्ट से वह अंतरिक्ष जाने वाली हैं, वह 11 जुलाई को न्यू मेक्सिको से उड़ान भरेगी। सिरीशा उन छह वैज्ञानिकों में से एक होंगी, जो इस अंतरिक्ष यान से उड़ान भरने वाले हैं। सिरीशा अंतरिक्षयात्रियों के इस समूह में चौथे नंबर की वैज्ञानिक हैं।
वह वर्जिन गैलेक्टिक कंपनी के गवर्नमेंट अफेयर्स एंड रिसर्च ऑपरेशंस में उपाध्यक्ष भी हैं और उन्होंने महज छह वर्षों में यह उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने अमेरिका के पर्ड्यू यूनिवर्सिटी से एयरोनॉटिकल/एस्ट्रोनॉटिकल इंजीनियरिंग से ग्रैजुएशन किया और फिर जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री ली। अपने अंतरिक्ष उड़ान के समय सिरिशा ह्यूमन टेंडेड रिसर्च एक्सपीरिएंस की इंचार्ज भी रहेंगी, जिससे उन्हें अंतरिक्ष यात्रा के दौरान एस्ट्रोनॉट्स पर होने वाले असर के बारे में जानने का मौका मिलेगा।
बचपन से ही अंतरिक्ष की दुनिया ने उन्हें आकर्षित किया और रॉकेट्स तथा स्पेसक्राफ्ट्स को देखकर होने वाले रोमांच ने उन्हें एस्ट्रोनॉट बनने के लिए प्रेरित किया।