इंग्लैंड, लंदन : असम से जाकर उत्तर-पूर्वी इंग्लैंड में रह रहे 75 वर्षीय भारतीय मूल के एक डॉक्टर ने लंदन की एक अदालत में अपने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील दायर की। डॉक्टर ने याचिका में यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (स्वतंत्र) या उल्फा (आई) का कथित अध्यक्ष होने के आतंकवाद के आरोप के तहत ब्रिटेन से भारत प्रत्यर्पित किए जाने को चुनौती दी है। काउंटी डरहम में जनरल प्रैक्टिश्नर (जीपी) डॉ. मुकुल हजारिका को मुकदमे का सामना करने के लिए भारतीय अधिकारी भारत लाना चाहते हैं। उन पर भारत में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन से संबंधित साजिशों में शामिल होने का आरोप है।
भारत की तरफ से पेश हुए क्राउन प्रॉसीक्यूशन सेवा (सीपीएस) ने वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट्स कोर्ट में जिला जज माइकल स्नो को बताया कि जिस साजिश के लिए वह वांछित है, वह एक आतंकी समूह के हिस्से के रूप में शिविरों के आयोजन और आतंक के लिए युवकों की भर्ती से संबंधित है। अदालत ने उन्हें प्रत्यर्पण सुनवाई की अवधि के लिए लंदन के एक पते पर रहने की अनुमति दी। सुनवाई अगले सप्ताह तक चलेगी।गौरतलब है कि उन पर अभिजीत असम होने का आरोप लगे थे। असम के गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज से मेडिकल स्नातक डॉ. हजारिका के पास ब्रिटिश पासपोर्ट है और वह अपने परिवार के साथ 2004 से पूर्वी लंदन के एल्टन में रह रहे है।