नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने मेक इन इंडिया के तहत 7,965 करोड़ रुपये के हथियारों और सैन्य उपकरणों की खरीद को मंजूरी प्रदान कर दी। इनमें हिंदुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से 12 लाइट यूटिलिटी हेलीकाप्टरों की खरीद शामिल है।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि 12 हेलीकाप्टरों के अलावा डीएसी ने भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड से लाइनेक्स यू2 नेवल गनफायर कंट्रोल सिस्टम की खरीद को भी स्वीकृति दी है। इससे नौसैनिक युद्धपोतों की ट्रैकिंग और युद्धक क्षमताओं में बढ़ोतरी होगी। डीएसी ने एचएएल द्वारा डोर्नियर विमानों के मिड-लाइफ अपग्रेडेशन को भी मंजूरी प्रदान की है।
इससे नौसेना की समुद्र में टोह लेने और तटों की निगरानी क्षमता में वृद्धि होगी। ‘आत्मनिर्भर भारत’ को और बढ़ावा देने के उद्देश्य से नेवल गनों की वैश्विक खरीद को बंद कर दिया गया है और अब भारत हेवी इलेक्टि्रकल्स लिमिटेड (भेल) द्वारा निर्मित अपग्रेडेड सुपर रैपिड गन माउंट (एसआरजीएम) की खरीद की जाएगी।
एसआरजीएम को नौसेना के युद्धपोतों पर लगाया जाएगा और ये गाइडेड युद्धक सामग्रियों के जरिये तेज गतिशील लक्ष्यों को निशाना बनाने में सक्षम हैं। गौरतलब है कि भारतीय सेना को 25 स्वदेशी एएलएच-मार्क3 हेलीकाप्टर मिलेंगे। एचएएल से 3850 करोड़ रुपये में खरीदे जाएंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई वाली रक्षा खरीद परिषद ने मंजूरी दे दी। रक्षा मंत्रालय ने 13,165 करोड़ रुपये के सैन्य प्लेटफार्म और उपकरणों की खरीद के लिए मंजूरी दे दी जिनमें 25 स्वदेश विकसित आधुनिक हल्के (एएलएच) मार्क-3 हेलीकाप्टर शामिल हैं।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हेलीकाप्टर खरीदने की लागत 3,850 करोड़ रुपये आंकी गई है। वहीं रॉकेट के गोला-बारूद की एक खेप 4,962 करोड़ रुपये में खरीदी जाएगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) की बेठक में खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। कुल खरीद में से 11,486 करोड़ रुपये के उपकरण और प्लेटफॉर्म घरेलू निकायों से खरीदे जाएंगे।