नई दिल्ली : अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की चुनौती से निपटने के लिए सेना ने चौकसी बढ़ा दी है। संवेदनशील अग्रिम चौकियों पर एम 777 होवित्जर और स्वीडन की बोफोर्स तोपों के अलावा उन्नत एल 70 एंटी एयरक्राफ्ट तोपों को भी मोर्चे पर तैनात कर दिया गया है।
ये तोपें चीन के लड़ाकू विमानों को चित करने में सक्षम हैं। एल 70 तोपें पहाड़ी क्षेत्र में 3.5 किलोमीटर दूर लक्ष्य को भेदने में सक्षम हैं। इनकी तैनाती से सेना की जंगी तैयारियों को बल मिलेगा। एलएसी पर पड़ोसी की किसी भी चालाकी से निपटने के लिए सेना की तैयारियां उच्च स्तर पर है। इसके तहत एकीकृत बचाव वाले इलाकों में सेना की चौकियों पर ट्रेनिंग व सैन्य अभ्यास जारी हैं।
सैन्य अधिकारियों के मुताबिक करीब दो तीन महीने पहले से ही एल70 तोपों की तैनाती शुरू कर दी गई थी। सैन्य अधिकारियों के मुताबिक उन्नत एल 70 तोपों के जरिए दुश्मन के सभी तरह के मानवरहित वाहनों, मानवरहित जंगी विमानों, हेलिकॉप्टर और आधुनिक विमानों को निशाना बनाया जा सकता है।
यह लक्ष्य पर सटीक निशाना साधने में सक्षम है और उसके जगह बदलने पर तोप भी अपना निशाना खुद ही साध लेती है। ये तोपें दिन की रोशनी में काम करने वाला टीवी कैमरा, थर्मल इमेजिंग कैमरा और लेजर रेंज फाइंडर से लैस हैं। सटीक निशाना लगाने के लिए इनमें मजल वेलोसिटी रडार भी लगा है।