असम, गुवाहाटी। असम कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद रिपुन बोरा ने आज कहा कि वर्ष 2021-22 के बजट में असामान्य मूल्यवृद्धि से राहत, बेरोजगारी से बर्बाद हुए युवाओं और कोरोना प्रभावित लोगों के लिए कुछ भी नया नहीं है। उन्होंने कहा कि असम का कर संग्रह भी महामारी से प्रभावित है और इसलिए संग्रह में कमी आर्यी है।
इसलिए बजट में परिकल्पित कर संग्रह का कोई स्पष्ट जिक्र नहीं होने के कारण बजट का विफल होना तय है। इस साल 1 लाख नियुक्तियों के लिए वेतन के रूप में 56,000 करोड़ रुपये की जरूरत को पूरा करने के लिए कहां से पैसा लाएगी। उन्होंने कहा कि 2016 में तरुण गोगोई की सरकार के समय तक उधार 35,000 करोड़ रुपये था जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री हितेश्वर सैकिया और प्रफुल्ल कुमार महंत का कार्यकाल भी शामिल था। लेकिन पिछले पांच वर्षों में अकेले भाजपा सरकार की उधारी 47,000 करोड़ है और यह 82,000 करोड़ तक हो जाएगा।
बजट में स्थायी महिला सशक्तिकरण योजना नहीं अपनायी गयी और इस बजट में भी इनका कोई जिक्र भी नहीं है। उन्होंने सरकार पर महिलाओं के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया कि उनके सूक्ष्म वित्त ऋण सभी माफ नहीं किये गये हैं। उन्होंने कहां की अरुणोदय योजना के तहत मासिक राहत को बजट में बढ़ाकर केवल 1000 रुपया किया गया है।
असम समझौता विभाग को केवल 2.7 करोड़ का आवंटन असम समझौते के प्रति सरकार की हास्यास्पद जिम्मेदारी को दर्शाता है। उन्होंने यह भी सवाल किया कि असंगठित मजदूर वर्ग के लिए बजट में कोई राहत नहीं है। बजट में पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस और जीवन रक्षक दवाओं की असामान्य कीमतों को नियंत्रित करने का कोई जिक्र नहीं है, जो आम आदमी को अपंग कर रहा है।
राज्य के 38 लाख बेरोजगार युवकों के स्थान पर एक लाख बेरोजगारों को रोजगार देना सागर में एक बूंद के समान होगा। बजट में वेंचर स्कूलों और कॉलेजों के सरकारीकरण और स्वास्थ्य और अन्य विभागों में अनुबंध श्रमिकों के नियमितीकरण की भी अनदेखी की गयी है। उनका स्पष्ट कहना था कि यह बजट कुछ और नहीं बल्कि एक और धोखा है।
वही प्रदेश भाजपा ने असम बजट को जन केंद्रित बताया। इसमें किसी नये कर का प्रस्ताव नहीं है। सरकार ने इसके जरिये यह सुनिश्चत किया गया है कि कोरोना स्थिति से प्रभावित लोगों पर और बोझ नहीं पड़े। पार्टी मुख्यालय अटल बिहारी वाजपेर्यी भवन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्य प्रवक्ता रूपम गोस्वामी ने कहा कि बजट में किये गये प्रस्तावों का उद्देश्य गरीब और मध्यम वर्ग का कल्याण है।
उन्होंने कहा कि यह केवल चुनाव में किये गये वादे को पूरा करने का लक्ष्य ही नहीं बल्कि इसमें अगले पांच साल के विकास कार्यों की रूपरेखा भी तय की गयी है। उन्होंने यह भी कहा कि पहली महिला वित्त मंत्री के रूप में एक सशक्त एवं मजबूत बजट जनता को उपहार दिया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में सरकार की घोषणाएं क्रियान्वयन कर सरकार जनता के उम्मीदों पर खरी उतरेगी।