असम राज्य सरकार ने घोषणा की है कि असम मवेशी संरक्षण अधिनियम – 2021 पिछले 22 नवंबर से लागू हो गया है। एक अधिसूचना में गृह और राजनीतिक विभाग ने कहा असम मवेशी संरक्षण अधिनियम 2021 की धारा 1 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए से 22 नवंबर से पूरे राज्य में लागू करती है।
12 जुलाई को मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने असम मवेशी संरक्षण अधिनियम 1950 को बदलने के लिए विधेयक पेश किया था। इसमें दावा किया गया था कि पुराने कानून में मवेशियों के वध, खपत और अवैध परिवहन को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय नहीं हैं। बजट सत्र के अंतिम दिन 13 अगस्त को विधेयक पारित किया गया था।
राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत ने ट्विटर पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि ऐतिहासिक असम मवेशी संरक्षण अधिनियम 2021 के पारित होने के साथ हमारे चुनावी वादे को पूरा करने के लिए बेहद खुश और गर्व है। मुझे यकीन है कि यह अवैध मवेशी कारोबार को रोकने में मददगार होगा। असम के माध्यम से व्यापार और इसका मुख्य उद्देश्य पारगमन, सदियों से हमारी परंपरा में प्रचलित मवेशियों की उचित देखभाल सुनिश्चित करना है।
यह उल्लेख किया जा सकता है कि नया कानून गौ मांस नहीं खाने वाले समुदायों के निवास वाले क्षेत्रों में और मंदिर या सत्र के 5 किमी के दायरे में (जैसा कि वैष्णव मठ कहा जाता है) गोमांस की बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध लगाता है। कानून में आगे और बिना वैध दस्तावेजों के असम से आने-जाने वाले मवेशियों के अंतरराज्यीय परिवहन पर प्रतिबंध को निर्दिष्ट किया गया है। माना जाता है कि इस कानून के जरिए पड़ोसी राष्ट्र बांग्लादेश में मवेशियों की तस्करी को कम करने के लिए कदम उठाया जा सकता है।