असम, गुवाहाटी : असम विधानसभा आखिरकार कांग्रेस के निलंबित विधायक शेरमान अली अहमद की बर्खास्तगी पर 25 अक्तूबर में सुनवाई करेगा। यह कदम गौहाटी उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद उठाया गया है। इस संदर्भ में विधानसभा के सचिव डी. पेगु ने प्रदेश कांग्रेस विधायक दल के मुखिया एवं नेता प्रतिपक्ष देवब्रत सैकिया को पत्र प्रेषित किया है। पत्र में कहा गया है कि सुनवाई 25 अक्तूबर को दोपहर 12.30 बजे अध्यक्ष के सभा कक्ष में आयोजित होगी। ऐसे में पत्र में उन्हें नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस विधायक दल के नेता के रूप में सुनवाई में शामिल होने के लिए कहा गया है। मालूम हो की पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में विधायक को पार्टी से निलंबित किया गया था। इसलिए कांग्रेस तीन साल से विधानसभा अध्यक्ष से अहमद के विधायक पद को बर्खास्त करने की अपील कर रही है। हालांकि अध्यक्ष ने कोई कार्रवाई नहीं की और मामला गौहाटी उच्च न्यायालय में चला गया। कांग्रेस के वर्तमान धुबरी के सांसद एवं सामागुड़ी के पूर्व विधायक रकीबुल हुसैन ने इस संदर्भ में 2 मई को उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए 9 सितंबर को न्यायमूर्ति देवाशीष शर्मा की अदालत ने अहमद को विधायक पद से बर्खास्त करने पर की गई कार्रवाई की जानकारी देने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष, प्रधान सचिव, सचिव और निलंबित विधायक अहमद को नोटिस जारी कर हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया था। तदनुसार विधानसभा अध्यक्ष की ओर से अदालत को सूचित किया कि इस मामले पर नवंबर तक निर्णय लिया जाएगा। अदालत के हस्तक्षेप के बाद ही असम विधानसभा को अहमद के मामले पर सुनवाई के लिए कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा। कांग्रेस विधायक दल ने अहमद के अलावा चार और विधायकों शशिकांत दास, सिद्दीकी अहमद, बसंत दास और कमलाक्ष दे पुरकायस्थ को भी बर्खास्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष से मांग करते हुए पत्र दिया था, लेकिन अभी तक इस मुद्दे पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है।विपक्ष का आरोप है कि सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हस्तक्षेप के कारण अध्यक्ष ने इन विधायकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। फिलहाल यह सभी विधायक भाजपा की शरण में चले गये हैं।
सोनोवाल तीन दिवसीय सिंगापुर यात्रा पर
नई दिल्ली : केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल सिंगापुर समुद्री सप्ताह में भाग लेने के लिए सिंगापुर...
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