असम, गुवाहाटी : सीबीआई कोर्ट ने गबन के एक मामले में गौहाटी उच्च न्यायालय के तत्कालीन अभिलेख विन्यासक को 1.8 लाख रुपये के जुर्माने सहित 6 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। चांदमारी स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने वाहेद अली, तत्कालीन अभिलेख विन्यासक, गौहाटी उच्च न्यायालय को गबन के मामले में 1.8 लाख रुपये के जुर्माने सहित 6 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। सीबीआई ने 15 अक्तूबर 1996 को वाहेद अली, तत्कालीन अभिलेख विन्यासक, गौहाटी उच्च न्यायालय और अन्य के विरूद्ध रजिस्ट्रार (न्यायिक), गौहाटी उच्च न्यायालय की शिकायत के आधार पर धन एकत्र करने के लिए कोषागार और बैंक में भेजे जाने पर वाहेद अली, अभिलेख विन्यासक द्वारा 81,000 रुपये के गबन के आरोप में तत्काल मामला दर्ज किया था। आरोप था कि अपने विरूद्ध कार्रवाई की आशंका को देखते हुए उक्त आरोपी अभिलेख विन्यासक ने ट्रेजरी चालान के माध्यम से 81,000 रुपए जमा कर दिए थे तथा कथित रूप से पत्र प्रस्तुत कर सूचित किया था कि यदि उसके द्वारा कोषागार से कोई अतिरिक्त राशि निकाली गई है, तो वह उसे वापस जमा कर देगा। जांच में पाया गया कि आरोपियों ने टी.ए. बिलों में हेराफेरी, मूल आंकड़ों में छेड़छाड़ करके या बिलों में फर्जी नाम और राशि जोड़कर धोखाधड़ी से राशि निकाली थी। तदनुसार कुल 38,88,050 रुपए की राशि का गबन किया गया था। जांच पूरी होने के बाद सीबीआई ने 5 सितंबर 2000 को आरोपियों के विरूद्ध आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसमें न्यायालय द्वारा दोषी ठहराया गया आरोपी भी शामिल है।
बाजाशेयरर रहा बंद
नई दिल्ली : इस्लाम धर्म लंबियों का पवित्र त्योहार ईद उल फितर के मौके पर आज नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई)...
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