असम, गुवाहाटी : असम में विधानसभा और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन अभ्यास शुरू करने का निर्णय लिया है। भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने कानून और न्याय मंत्रालय से प्राप्त अनुसरण में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 8 ए के अनुसार असम राज्य में विधानसभा और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन अभ्यास शुरू करने का निर्णय लिया है। राज्य के विधानसभा और संसदीय दोनों क्षेत्रों का परिसीमन करीब पांच दशक बाद किया जाएगा। असम राज्य में निर्वाचन क्षेत्रों का अंतिम परिसीमन 1971 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर 1976 में तत्कालीन परिसीमन आयोग द्वारा किया गया था। संविधान के अनुच्छेद 170 के तहत जनगणना के आंकड़े (2001) का उपयोग राज्य में संसदीय और विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्समायोजन के उद्देश्य से किया जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार और चुनाव आयुक्तों (ईसी) अनूप चंद्र पांडे और अरुण गोयल के नेतृत्व में ईसीआई ने असम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) को राज्य सरकार के साथ 1 जनवरी से राज्य में परिसीमन की कवायद पूरी होने तक नई प्रशासनिक इकाइयों का निर्माणपूर्ण प्रतिबंध जारी करने के मामले को उठाने का निर्देश दिया है।गौरतलब है कि इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि उनकी सरकार ने पहले ही केंद्र को निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन की मंजूरी दे दी है। उन्होंने यह भी कहा था कि पिछली सरकार ने केंद्र को सूचित किया था कि निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन की प्रक्रिया से राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है और इस प्रक्रिया को रोक दिया गया था। चूंकि अब ऐसी कोई स्थिति नहीं है, इसलिए हमने परिसीमन प्रक्रिया के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।
बापू को अर्पित की गई श्रद्धांजलि
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