असम, गुवाहाटी : असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि राज्य पुलिस अगले पंद्रह दिनों में राज्य भर में बाल विवाह के खिलाफ व्यापक अभियान शुरू करेगी। यह कदम बढ़ते बाल विवाह के मामलों को देखते हुए उठाने का निर्णय लिया गया है। ताजिया आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 14 वर्ष से कम आयु वालों से संबंधित कोई भी मामला पॉक्सो अधिनियम के तहत दर्ज किया जाएगा और 14-18 वर्ष की आयु वर्ग से संबंधित मामले बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत दर्ज किए जाएंगे। इसके अलावा बाल विवाह निषेध अधिनियम की धारा 16 के तहत सभी गांव पंचायत सचिवों को अतिरिक्त रूप से बाल विवाह निषेध अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। इसके साथ ही आगे चलकर उक्त अधिकारियों को बाल विवाह की किसी भी घटना से संबंधित प्राथमिकी दर्ज करनी होगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-20 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (एनएफएचएस-5) के अनुसार असम में लगभग 11.7 प्रतिशत महिलाओं/नाबालिगों ने गर्भ धारण किया है और एक बच्चे को जन्म दिया है, जो यह साबित करता है कि राज्य के कुछ हिस्सों में बाल विवाह की भूमिका हावी है। डेटा की गहराई में जाने पर, धुबड़ी जिले में 22 प्रतिशत महिलाओं/लड़कियों ने जीवन के प्रारंभिक चरण में जन्म दिया।
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