असम, गुवाहाटी : असम के राष्ट्रीय स्तर के सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता डॉ. दिव्यज्योति सैकिया ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के उसे फैसले का स्वागत किया, जिसमें असम सरकार को 56 मामलों के निपटान करते हुए 3.30 करोड रुपए के मुआवजे देने का आदेश दिया। आयोग ने सरकार के साथ-साथ पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे को भी यह आदेश दिया। मालूम हो कि असम के गोलाघाट जिले के देरगांव के अजय दत्त नामक 21 साल के एक युवक ने पुलिसिया अत्याचार के विरोध में आत्महत्या की थी।एनएचआरसी ने अपने गुवाहाटी प्रवास के दौरान इस आत्महत्या के अलावा असम पुलिस द्वारा 45 फर्जी मुठभेड़ों से जुड़े कुल 56 मामलों में मुआवजा देने का आदेश दिया। आयोग ने रेलवे को किसी विशेष घटना के संबंध में छह सप्ताह के भीतर मृतक, घायल और लापता व्यक्तियों के परिवारों को मुआवजा देने का निर्देश दिया। फर्जी मुठभेड़ों और आत्महत्याओं से संबंध में डॉ. सैकिया काफी सक्रियता के साथ अपनी भूमिका निभाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह निकट भविष्य में निर्दोष आम लोगों के मानवाधिकारों के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। एनएचआरसी के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, सदस्य ज्ञानेश्वर एम मुले और राजीव जैन, महासचिव भरत लाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी पूर्वोत्तर से जुड़े मुद्दे पर विचार के लिए गुवाहाटी आए थे।
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