असम, गुवाहाटी: असम मानवाधिकार आयोग ने सिपाझार के गोरुखुटी में चलाए गए अतिक्रमण हटाओ अभियान पर संज्ञान लिया है। आयोग ने कहा कि प्रथम दृष्टया मैं मामला मानवाधिकार उल्लंघन का लगता है। कांग्रेस विधायक देवव्रत सैकिया की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए पहले राज्य के गृह विभाग से कुछ स्पष्टीकरण मांगा है।
आयोग ने पूछा है कि क्या जांच आयोग का गठन आयोग अधिनियम 1952 के तहत किया गया है। आयोग ने 21 दिनों के भीतर इस संबंध में अवगत कराने का अनुरोध किया है। आयोग इस मामले की सुनवाई 19 अक्टूबर को करेगा।गौरतलब है कि पिछले हफ्ते जमीन खाली कराने के अभियान के दौरान पुलिसकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई। इसमें दो लोगों की मौत हुई, जबकि कई और लोग घायल भी हुए।
घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें लाठी लिए एक प्रदर्शनकारी को पुलिस की गोली से जान गंवाते भी देखा जा सकता है। इसी वीडियो में एक व्यक्ति द्वारा मृतक के शव को कुचलते भी देखा गया था। इसके बाद असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत विश्व शर्मा ने इस मामले में न्यायिक जांच के आदेश दे दिए।