असम, नाहरकटिया : केंद्रीय मंत्री तथा डिब्रूगढ़ संसदीय क्षेत्र के भाजपा उम्मीदवार सर्वानंद सोनोवाल ने अपने धूआंधार प्रचार अभिान को जारी रखते हुए बुधवार को जयपुर मंडल के अंतर्गत आमगुड़ी, नहरानी और केंदुगुड़ी में कई आम सभाओं को संबोधित किया। इन सभाओं में भाजपा के वरिष्ठ नेता सोनोवाल ने आम जनता से देश की समृद्धि और विकास के लिए स्वस्थ लोकतांत्रिक माहौल बनाने वाली भाजपा के पक्ष में मतदान का आह्वान किया। सोनोवाल ने कहा कि क्षेत्रीयतावाद का असली अर्थ स्वदेशी अधिकारों को प्राथमिकता देना है। लोकतंत्र के इस महापर्व में हमें क्षेत्रीयतावाद को और मजबूत करने के लिए सत्य, तथ्यों, कानून के शासन और राष्ट्र निर्माण के प्रति प्रतिबद्धता का जश्न मनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीयतावाद एक महत्वपूर्ण विचार है। यह लोकतंत्र का एक शक्तिशाली उपकरण है, जिसके जरिए लोग सार्वजनिक संपत्तियों के विनाश के खिलाफ और स्वदेशी अधिकारों को प्राथमिकता देने की एक मजबूत आवाज उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस ने जनविरोधी, असमिया विरोधी आईएमडीटी अधिनियम लागू किया, तो हमने सड़कों पर तोड़फोड़ व हंगामा नहीं किया था। न्याय व्यवस्था पर आस्था रखते हुए हमने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और आखिरकार सत्य की जीत हुई। उन्होंने कहा कि अगर भूमिपुत्रों के कानूनी अधिकारों को सुरक्षित रखना है, तो क्षेत्रीयतावाद इसी तरह करना होगा।
उन्होंने कहा प्रदेश में 2016 में भाजपा नीत सरकार बनते ही मुख्यमंत्री के रूप में मैने सबसे पहले असम के मूल लोगों की भूमि पर कानूनी अधिकार प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू किया और मेरे कार्यकाल के दौरान 3,60,000 से अधिक स्वदेशी परिवारों को पट्टों के माध्यम से भूमि का कानूनी स्वामित्व प्रदान किया गया। जो देश की आजादी के बाद से छह दशकों से अधिक समय तक लंबित था। उन्होंने कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार के तहत 2021 से असम के अन्य दो लाख मूल परिवारों को कानूनी स्वामित्व के साथ भूमि अधिकार दिया गया है, जो सच्चे क्षेत्रीयतावाद को दर्शाता है। सोनोवाल ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ, सबका विकास सुशासन के मॉडल के साथ देश का नेतृत्व कर रहे हैं। हमारी क्षेत्रीयतावाद भी बिल्कुल वैसा ही है। उन्होंने कहा कि हमारे महान स्वर्गदेउ (महाराजा) चाउलुंग सुकाफा ने सात समुदायों के बीच एकता का सेतु निर्माण कर वृहत्तर असमिया समाज का निर्माण किया था। चाउलुंग सुकाफा का शासन मॉडल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुशासन की तुलना की जा सकती है। उन्होंने कहा कि आज हम लोकतंत्र का पर्व मना रहे हैं और हमें मनाना ही चाहिए। हमें राष्ट्र निर्माण की भावना को और मजबूत करने के लिए सत्य, तथ्य, कानून के शासन और राष्ट्र निर्माण के प्रति प्रतिबद्धता का जश्न मनाना चाहिए। असम की जनता विपक्ष की असंसदीय, गैर-जिम्मेदाराना और झूठी टिप्पणी के खिलाफ है। लोगों को सत्य मालूम है, लोग भाजपा तथा नरेंद्र मोदी के सुशासन के पक्ष में है। विपक्ष झूठ बोलकर समाज को भड़काने का प्रयास कर रहा है। विपक्ष ने आंदोलन के नाम पर युवाओं को गुमराह करने का काम किया है। हमें ऐसी संकीर्ण और नकारात्मक राजनीति के प्रति सतर्क रहना चाहिए और अपने महान राष्ट्र की लोकतांत्रिक भावना और लोकाचार के भीतर सकारात्मक क्षेत्रीयतावाद पर आस्था रखना चाहिए। इस दौरान उन्होंने असम आंदोलन के शहीद अजीत निओग और नागेन डेका को अपनी श्रद्धांजलि दी और अपने पूर्वजों और स्वतंत्रता सेनानियों जोनाराम निओग और दीनानाथ शर्मा को याद किया।
बैठकों में अब नहीं होगा अधिकारियों के पदनामों का उल्लेख
हिमाचल प्रदेश, शिमला : हिमाचल प्रदेश के विभिन्न विभागों की बैठकों की कार्यवाही में अब अधिकारियों के नाम या पदनामों...
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