असम, गुवाहाटी: कोरोना महामारी की दूसरी लहर का जारी प्रकोप के बीच एक चिकित्सक पर हुए हमले को लेकर असम में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। महामारी के इस दौर में फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में काम कर रहे चिकित्सक एवं नर्सों दिन रात काम कर रहे हैं, वहीं चिकित्सकों से दुर्व्यवहार का मामला चिंता का विषय बना हुआ है।
ताजा मामला असम से जुड़ा हुआ है। राज्य के होजाइ जिले में स्थित एक कोविड केयर सेंटर में एक मरीज की मौत के बाद उसके परिजनों ने न केवल चिकित्सक के साथ मारपीट की बल्कि तोड़फोड़ भी की है।
उधर मामले सामने आने के बाद मुख्यमंत्री डॉ हिमंत विश्व शर्मा ने इस घटना पर तेजी से कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर मुख्यमंत्री ने खुद इस मामले की व्यक्तिगत रूप से निगरानी बात कही है।
मुख्यमंत्री ने तो घटना में शामिल 24 दोषी लोगों के नाम का भी खुलासा किया है। उन्होंने जल्द से जल्द आरोप पत्र दायर किए जाने की भी बात कही है।
घटना में शामिल दोषियों की शिनाख्त मोहम्मद कमरुद्दीन, मोहम्मद जैनलुद्दीन, रेहनुद्दीन, सईदुल आलम, रहीमुद्दीन, राजुल इस्लाम, तैयबर रहमान, साहिल इस्लाम, रहीमुद्दीन, अब्दुल कलाम के रूप में की गई है।
पीड़ित चिकित्सक डॉ सेजु कुमार सेनापति उडाली कोविड केयर सेंटर में तैनात थे। मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राज्य भर में तीखी प्रतिक्रिया देखी जा रही है। वीडियो में लोगों का समूह एक कनिष्ठ चिकित्सक को लात-घूसों व चप्पलों से पिटाई कर रहे हैं। उनके हाथों में झाड़ू और बर्तन भी देखे जा रहे हैं।
आज घटना के विरोध में राज्य भर के चिकित्सकों ने अपनी सेवाएं बाधित रखी। आज अस्पतालों की ओपीडी सेवा बंद रही। इस बीच मिली जानकारी के अनुसार आरोपियों को अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें अलग-अलग रिमांड पर भेजा गया।
इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राष्ट्रीय स्तर के अंधविश्वास विरोधी नेता और मानवाधिकार व सामाजिक कार्यकर्ता डॉ दिव्याज्योति सैकिया ने इसकी घोर निंदा की है।

उन्होंने कहा कि यह एक तरह से मोब लिंचिंग की घटना है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कानून की जरूरत है। उन्होंने केंद्र के साथ राज्य सरकार से भी इस तरह की घटनाओं पर लगाम कसने के लिए कठोर कानून बनाने की भी मांग की। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह घटना चिकित्सक एवं मरीज के परिजनों के बीच समन्वय के अभाव को भी दर्शाता है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार व सामाजिक कार्यकर्ता डॉ दिव्याज्योति सैकिया ने इस घटना के ऊपर कड़ी क़दम उठाने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत विश्व शर्मा को आहबांन किया हैं।