नई दिल्ली : अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने दिल्ली दंगों में साजिश मामले में आरोपी मीरान हैदर की जमानत याचिका खारिज कर दी। आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और यूएपीए के तहत मामला दर्ज है। न्यायाधीश अमिताभ रावत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी पर गंभीर आरोप हैं और साजिश के तहत हुए दंगों में काफी लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। इसके अलावा पेश तथ्यों व साक्ष्यों से स्पष्ट है कि आरोपी की दंगों में भूमिका रही है और ऐसे में जमानत देना उचित नहीं है।
अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया था कि दंगों की सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई, संपत्तियों को नष्ट किया गया, आवश्यक सेवाओं में व्यवधान, पेट्रोल बम, लाठी, पत्थर आदि का उपयोग किया गया था। इसके अलावा दंगों के दौरान कुल 53 लोग मारे गए और सैकड़ों लोग घायल हुए। वहीं दूसरी तरफ बचाव पक्ष ने पूरे मामले को झूठा बताते हुए कहा कि उनके मुवक्किल को फर्जी मामले में फंसाया गया है। विरोध प्रदर्शन करने का संविधान में सभी को अधिकार है और ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि उनका मुवक्किल दंगों की साजिश में शामिल है। इसके अलावा मामले की जांच पूरी होने के बाद आरोपपत्र दायर हो चुका है। ट्रायल में देरी होगी और उनके मुवक्किल को जेल में रखने का कोई औचित्य नहीं है।
पिछले साल सितंबर में पिंजारा तोड के सदस्यों और जेएनयू के छात्रों देवांगना कलिता और नताशा नरवाल, जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा और छात्र कार्यकर्ता गुलफिशा फातिमा के खिलाफ मुख्य आरोप पत्र दायर किया गया था। जिन अन्य लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया उनमें पूर्व कांग्रेस पार्षद इशरत जहां भी शामिल हैं।