असम, गुवाहाटी: कांग्रेस आलाकमान ने आज पार्टी के वरिष्ठ नेता भूपेन बोरा को प्रदेश की बागडोर सौंपी है। वे वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष रिपुन बोरा की जगह लेंगे।
उधर भूपेन बोरा को प्रदेश की कमान सौंपी जाने पर असम के राष्ट्रीय स्तर के मानवाधिकार तथा सामाजिक कार्यकर्ता डॉ दिव्यज्योति सैकिया ने उन्हें अपने शुभकामनाएं प्रेषित की है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की सार्थकता तभी साबित होती है जब विपक्ष मजबूत होता है। बिना मजबूत विपक्ष के सरकार बेलगाम हो जाती है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि आने वाले समय में उनके नेतृत्व में पार्टी न केवल शक्तिशाली बनकर उभरेगा, बल्कि सशक्त विपक्ष की भूमिका भी निभाएगा।
गौरतलब है कि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि जोरहाट के पूर्व विधायक राणा गोस्वामी, उत्तर करीमगंज के विधायक कमलक्ष्य देव पुरकायस्थ और सरूखेत्री के विधायक जाकिर हुसैन सिकदर कार्यकारी अध्यक्ष होंगे। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के अनुमोदन के बाद की गई घोषणा तत्काल प्रभाव से लागू मानी जाएगी।
बयान में बोरा की भूमिका की सराहना भी की गई है। बयान में भूपेन बोरा एवं राणा गोस्वामी को राष्ट्रीय सचिव के पद से भी मुक्त कर दिया गया है। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार के बाद नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए रिपुन बोरा ने 2 मई को अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था। हालांकि उनके इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया गया था और अगले आदेश तक उन्हें पद पर बने रहने को कहा गया था। भूपेन बोरा लखीमपुर जिले के बिहपुरिया क्षेत्र से दो बार विधायक रहे हैं। वह 2016 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के देबानंद हजारिका और 2021 में अमिय कुमार भुइयां से विधानसभा चुनाव हार गए थे।
गौरतलब है कि उनका जन्म 1970 के 31 अक्टूबर को लखीमपुर के आदर्श गांव पहूमारा के बोगी राम बोरा एवं प्रतिमा बोरा के परिवार में हुआ था। उन्होंने डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय से राजनीतिक विज्ञान में एमए की डिग्री हासिल की है। छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे बोरा विवाहित हैं। उनकी पत्नी डॉ. मौसमी बरगोहाई एवं दो बच्चे हैं।