बिहार, पटना : बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विनय कुमार ने प्रेस, पुलिस एवं आर्मी लिखे वाहनों की सख्ती और संवेदनशीलता के साथ जांच करने का आदेश दिया है। डीजीपी ने कहा कि प्रेस एवं पुलिस लिखी गाड़ियों का सामाजिक तत्व उपयोग कर रहे हैं और उसे आपराधिक गतिविधियों का संचालन कर रहे है। डीजीपी कुमार ने इस आशय का एक पत्र राज्य के तमाम जोन के आईजी, डीआईजी, जिलों के एसपी और एसएसपी को लिखा है। पत्र में कहा गया है कि प्रेस पुलिस और आर्मी लिखे वाहनों का गैर पेशेवर लोग उपयोग कर रहे हैं। कुमार ने अपने पत्र में कहा है कि प्राय यह देखा जाता है कि प्रेस एवं पुलिस लिखा वाहनों पर उनके असली मालिक सवार नहीं होते हैं और गैर पेशेवरलोग ऐसे वाहनों पर सवार होकर और असामाजिक एवं अपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाए गए हैं। डीजीपी ने तमाम पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रेस एवं पुलिस लिखा वाहनों की गहनता और संवेदनशीलता के साथ जांच की जाए। जांच में दोषी पाए गए वाहन सवार और मालिक पर विधि सम्मत एवं यातायात नियमों के तहत सख्त कार्रवाई की जाए। वहीं इस आदेश को लेकर भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ के संस्थापक सह राष्ट्रीय महासचिव ने डीजीपी बिहार से पूछा है कि पत्रकार को भीड़ का हिस्सा नहीं समझने के लिए उच्चतम न्यायलय ने कई बार निर्देश जारी किया है। आप के पास पत्रकारों को भीड़ का हिस्सा नहीं समझने के लिए क्या कार्ययोजना है इसे भी स्पष्ट करना चाहिए। हसन ने कहा कि पत्रकारों के लिए बिहार सरकार स्पेशल पत्रकार पास वाहन के लिए जारी कर फर्जीवाड़ा पर रोक लगा सकती है।
रिश्वत लेते तीन गिरफ्तार
हिमाचल प्रदेश, कुल्लू : विजिलेंस ने कुल्लू में खाद्य सुरक्षा विभाग के कार्यालय में दबिश देकर सहायक आयुक्त व खाद्य...
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