असम, गुवाहाटी: असम विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन आज विपक्ष ने सदन से वाकआउट किया। विपक्ष महंगाई, खासकर पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव लाना चाहता था, जिसे विधानसभा अध्यक्ष विश्वजीत दैमारी ने खारिज कर दिया।
इससे नाराज विपक्ष ने सदन से वाक आउट किया। उन्होंने सदन के अंदर और विधानसभा के बाहर सरकार विरोधी नारे भी लगाए। इस मौके पर सदन में विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया ने कहा कि विधानसभा के पिछले सत्र में सरकार ने वादा किया था कि सदन में महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा के लिए सभा स्थगन की अनुमति दी जाएगी, पर आज अध्यक्ष ने महंगाई के मुद्दे पर चर्चा के लिए विपक्ष द्वारा लाए गए स्थगन प्रस्ताव को खारिज कर वादाखिलाफी और अलोकतांत्रिक काम किया है।
इस मुद्दे पर अखिल की सत्ता पक्ष के साथ नोकझोंक हो गई। विपक्षी दलों की मांग का अखिल ने भी समर्थन किया। सत्ता पक्ष इस पर राजी ना हुआ तो सदन के अंदर हंगामा होने लगा। अखिल ने अपने खास अंदाज में मुख्यमंत्री सहित सत्ताधारी पार्टी को फासिस्ट तक कह डाला। उनका कहना था कि महंगाई आम आदमी से जुड़ा मुद्दा है, इस पर चर्चा की अनुमति न देकर सरकार ने अपनी जनविरोधी चेहरा को उजागर कर रही है।
इसके बाद सरकार के निर्णय के विरोध में अखिल ने भी विपक्षी सदस्यों के साथ सदन से वॉकआउट किया। गौरतलब है कि विपक्ष के सभा स्थगन प्रस्ताव लाए जाने के दौरान परंपरा एवं नीति को लेकर भी काफी देर तक बहस बाजी होती रही। दोनों पक्षों की ओर से इस पर कई तर्क दिए गए। विपक्ष की मांग को जब ठुकरा दिया गया तो सदस्यों ने सदन से वकआउट करने से पहले अध्यक्ष को प्ले कार्ड भी दिखाया।