उत्तर प्रदेश, प्रयागराज : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि 60 साल में सेवानिवृत्ति का विकल्प नहीं भरने और पहले ही मृत्यु हो जाने पर सहायक अध्यापक को ग्रेच्युटी का भुगतान करने से इनकार नहीं किया जा सकता। यह उसका अधिकार है और इससे उसे वंचित नहीं किया जा सकता।
अदालत ने जिला विद्यालय निरीक्षक जौनपुर को सर्वेश कुमारी मामले के फैसले के आलोक में ग्रेच्युटी का भुगतान करने पर तीन माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। साथ ही अदालत ने कहा कि बिना देरी किए अन्य कार्यवाही पूरी की जाए। याची अजीत कुमार श्रीवास्तव की ओर से तर्क दिया गया कि याची की पत्नी शिवमूर्ति बालिका इंटर कॉलेज केराकत जौनपुर में बायोलॉजी की सहायक अध्यापिका थी। सेवाकाल में ही उनकी मृत्यु हो गई।
उनके सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान किया गया, लेकिन ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं किया गया। याची की पत्नी को सेवानिवृत्ति विकल्प नहीं दिया था। कानून के तहत ऐसा करने से इनकार नहीं किया जा सकता।