असम, गुवाहाटी : असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का मुद्दा एक बार फिर गर्म होगा। एनआरसी के राज्य समन्वयक हितेश देव शर्मा ने असम पुलिस सीआईडी में पूर्व राज्य समन्वयक और आईएएस अधिकारी प्रतीक हाजेला पर आरोप लगाया है कि उन्होंने दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ कर विदेशी नागरिकों को भारतीय नागरिक का टैग लगाया है। उन्होंने यह सब कुछ एक विशेष सॉफ्टवेयर की मदद से किया है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में हुए एनआरसी अद्यतन और प्रकाशन का हाजेला नेतृत्व किया था।
प्राथमिकी में कहा गया है कि उन्होंने दस्तावेज में भारतीय नागरिकों के रूप में अपात्र व्यक्तियों के नामों की प्रविष्टि की सुविधा प्रदान कर राष्ट्र विरोधी कार्य को अंजाम दिया है। हितेश देव शर्मा ने आशंका जताई है कि एक त्रुटि मुक्त एनआरसी के लिए भारत के सर्वोच्च न्यायालय के जनादेश के बावजूद, तत्कालीन राज्य समन्वयक एनआरसी प्रतीक हाजेला ने जानबूझकर टाल दिया होगा। एक सॉफ्टवेयर के उपयोग का आदेश देकर अनिवार्य गुणवत्ता जांच, जो गुणवत्ता जांच को रोकता है और अपात्र व्यक्ति के नामों को एनआरसी में प्रवेश की सुविधा प्रदान करता है, जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले राष्ट्र विरोधी कृत्य के रूप में देखा जा सकता है।
हाजेला ने 2019 में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश की मदद से खुद को तीन साल के लिए प्रतिनियुक्ति पर मध्य प्रदेश में स्थानांतरित कर दिया। प्राथमिकी में कुछ अन्य अधिकारियों और डेटा एंट्री ऑपरेटरों का भी नाम है जिन पर हजेला के साथ साजिश करने का आरोप है।