असम, गुवाहाटी : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए प्रयासरत है। मंत्री ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास की कमी की वजह से लोगों का विस्थापन हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन क्षेत्रों में विकास के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात बीएसएफ कर्मियों को सुरक्षा मजबूत करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक मुहैया कराई जाएंगी।गौरतलब है कि असम के दो दिवसीय दौरे पर आए शाह ने आज सबसे पहले मानकाचर क्षेत्र में असम-बांग्लादेश सीमा पर स्थिति की समीक्षा की और यहां एक गोपनीय बैठक में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अभियान संबंधी रणनीतियों पर चर्चा की।
इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री तामुलपुर में भूमि पूजन किया। इस दौरान बीएसएफ के केंद्रीय स्टोर और कार्यशाला के उद्घाटन और खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों के शुभारंभ करते हुए अपने संबोधन में कहा कि खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के टर्नओवर में 248 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और कुल टर्नओवर 1 लाख करोड़ रुपए के पार हो गया है। खादी ग्राम उद्योग आयोग अगर 1 लाख करोड़ का टर्नओवर करता है तो देश के करोड़ों लोगों को रोजगार मिलता है। इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री ने आमिनगांव में जनगणना कार्यालय का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि नीति निर्माण में जनगणना की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
केवल जनगणना ही बता सकती है कि विकास, एससी और एसटी की स्थिति क्या है और पहाड़ों, शहरों और गांवों में लोग रहते हैं। एसएसबी भवन के उद्घाटन पर शाह ने कहा कि अनुभवी सिद्ध डेटा हो इसलिए हमने तय किया है कि आने वाली जनगणना, जो कोविड के कारण रुकी हुई है। वह ई-जनगणना यानी इलेक्ट्रॉनिक जनगणना होगी। इसके आधार पर अगले 25 साल के विकास का खाका तैयार होगा।