तेलंगाना, हैदराबाद : तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने असम के राष्ट्रीय स्तर के सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता डॉ. दिव्यज्योति सैकिया को हाल्हि में प्रगति भवन में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री के पहल पर आयोजित एक कार्यक्रम में देशभर के चुनिंदा सामाजिक कार्यकर्ता और किसान नेताओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उनसे सीधा संवाद कर गरीब किसानों एवं आदिवासी समाज के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी नजरों में आज भी किसानों को उचित सम्मान नहीं मिला है, जिसके वे हकदार हैं।
ऐसे लोगों के लिए काम करने वाले हस्तियों का यहां आना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। इन लोगों को मजबूत करके देश और समाज को आगे बढ़ा सकता है। इन गरीब एवं समाज के पिछड़े जनजातियों को आप जैसे कार्यकर्ताओं की जरूरत है।
उनका सही मार्गदर्शन आपके द्वारा ही संभव है। गौरतलब है कि डॉ. दिव्यज्योति देश के विभिन्न राज्यों में जाकर समाज को भय, आतंक, अंधविश्वास व नशा से मुक्त कराने का बीड़ा उठाया है।
असम राज्य के रहने वाले डा. सैकिया की सामाजिक सेवा ने एक बड़े जनमानस को प्रभावित किया है। वह सिर्फ समाजसेवी ही नहीं, बल्कि एक अच्छे वक्ता और मानवाधिकार संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध नेता हैं।
समय-समय पर पूर्वोत्तर सहित भारत के अन्य राज्यों मे भी लोगों को जागरूक करते रहते हैं। असम के बोडोलैंड क्षेत्र में हुए समाजिक व धार्मिक उन्मादों में भी वे लोगों के बीच जाकर उनको समझाकर शांति बनाए रखने की अपील करते रहे थे।
कई जगहों पर वे बाल विवाह जैसी कुप्रथा के खिलाफ भी मुहिम चलाया कई लड़कियों को बचाया। किशान, जनजाती और पिछड़ा समाज ही अंधविश्वास में फंसते हैं। वे अपने स्तर पर लोगों को फंसाने वालों को समझाते हैं, जब जरूरत पड़ती है तो पुलिस से शिकायत भी करते हैं।
2009 से ही उन्होंने असम में व्याप्त डायन कुप्रथा समाप्त करने के लिए असम विधानसभा में विधेयक पारित करने के लिए संघर्ष किया। आखिरकार 2015 में असम विधानसभा ने इसे विधेयक को पारित कर दिया और 2018 में इस क़ानून का लागू भी हुवा ।
ख़ासकर मानवता ओर शांति के लिए काम जारी रखने हेतु कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी ने डॉ. दिव्यज्योति सैकिया को उनके मानवाधिकार को लेकर लड़े आंदोलनों व सराहनीय कार्यों के लिए डाक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया।