असम, गुवाहाटी: कोरोना से मारे गये लोगों के बच्चों के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री शिशु सेवा योजना की घोषणा की। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि कोरोना से जिन बच्चों के माता-पिता व सिर्फ पिता की मौत हो गयी है, उन बच्चों के लिए सरकार शिक्षा से लेकर रहने की व्यवस्था करेगी।
उन्होंने कहा कि माता-पिता के मरने के बाद परिजनों के साथ रहने वाले बच्चों को हर महीने पारितोषिक के तौर पर 3500 रुपये दिये जाएंगे। वहीं जिनके अभिभावक नहीं हैं, ऐसे अनाथ बच्चों को राज्य सरकार हॉस्टल व शिशु गृह में रखने की व्यवस्था करेगी। सरकार उनके रहने, खाने-पीने से लेकर शिक्षा का खर्च वहन करेगी। वहीं ऐसे छात्रों को कौशल विकास प्रशिक्षण (वोकेशनल ट्रेनिंग) की भी व्यवस्था करेगी।
इस दौरान उन्हें लैपटॉप व कंप्यूटर भी प्रदान किये जाएंगे। इसके अलावा लड़कियों के विवाह के दौरान अरुंधति योजना के तहत एक तोला सोने के आभूषण के अलावा विवाह खर्च के लिए 50 हजार रुपये प्रदान किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं का क्रियान्वयन समाज कल्याण और शिक्षा विभाग के अंतर्गत किया जाएगा।
बच्चों की देखरेख की निगरानी बाल अधिकार सुरक्षा आयोग भी करेगा। उन्होंने कहा कि बच्चों की पहचान के लिए जिला उपायुक्तों को जिम्मेदारी दी जाएगी। इस योजना को कल औपचारिक रूप से उद्घाटन किया जाएगा। साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि असम से बाहर रह रहे राज्यवासियों के बच्चों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। हालांकि राज्य सरकार स्कूलों में दाखिले के वक्त मदद असम के भौगोलिक क्षेत्र के अंतर्गत ही दगी ।
वहीं पोस्ट कोरोना के बाद तीन से चार महीने के अंतर्गत जिस व्यक्ति की मौत होती है, उनके बच्चों को भी इस योजना में शामिल किया जाएगा। इस योजना का लाभ सभी तबके के लोगों को मिलेगा।