नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में विस्तार से अगर किसी को सबसे बड़ा झटका लगा है तो वह लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नेता चिराग पासवान है। पार्टी में फूट के सूत्रधार चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस को आखिरकार मंत्री पद का इनाम मिला है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की जगह केंद्र सरकार में पारस को जगह दी गई है। पशुपति पारस बिहार के हाजीपुर से सांसद हैं। वे लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान के छोटे भाई हैं। पहले नीतीश सरकार में बिहार के पशु एवं मतस्य संसाधन मंत्री भी रह चुके हैं। वे दो बार बिहार विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं।
गौरतलब है कि जब से रामविलास पासवान का निधन हुआ है सब से ही चाचा भतीजा के बीच लड़ाई शुरू हो गई। चाचा को अपने बड़े भाई के साथ काम करने में कोई एतराज नहीं था, लेकिन उन्हें भतीजे के नीचे काम करना बिल्कुल भी गवारा नहीं। गौरतलब है कि चाचा भतीजे की बीच खटास उस वक्त बढ़ गया जब बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान नीतीश सरकार को समर्थन देने की बात आई।
आपसी मनमुटाव इतना बड़ा कर चाचा ने अपने चार सहयोगी सांसद के साथ अलग गुट बना लिया। भतीजे को किनारे कर चाचा मोदी के नजदीक आ गए और इसी नजदीकी के कारण उन्हें मंत्री पद का इनाम भी मिल गया।