असम, गुवाहाटी: असम कांग्रेस में भी सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। असम विधानसभा चुनाव के समय से चला आ रहा खींचतान अब चरम पर पहुंच गया है। खासकर मरियानी के बड़बोले विधायक रूपज्योति कुर्मी जिस तरह से कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ जहर उगल रहे थे, उससे स्पष्ट हो गया था कि वह भाजपा का दामन थामेंगे।
आज इसकी पुष्टि उनके पार्टी से बहिष्कार किए जाने से हो जाती है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद रिपुण बोरा की ओर से जारी किए गए एक आधिकारिक बयान में उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से बहिष्कृत करने की घोषणा की गई है। बयान में कहा गया है कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा और इसे पार्टी हाईकमान का भी अनुमोदन मिल गया है।

वहीं दूसरी ओर बोरा ने कुर्मी के फैसले के मद्देनजर राजनीतिक स्थिति का जायजा लेने के लिए तुरंत मरियानी विधानसभा क्षेत्र का दौरा करने के लिए एक समिति का गठन किया। राणा गोस्वामी की अध्यक्षता में गठित समिति में सुशांत बरगोहाई एवं मनोज धनवर को रखा गया है।
आधिकारिक बयान में बताया गया है कि समिति क्षेत्र का दौरा करेगी और पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाने के लिए क्षेत्र के साथ ब्लॉक, मंडल, पंचायत आदि में कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत करेगी। यहां बताना प्रासंगिक होगा कि कुर्मी ने राहुल गांधी को का सफल नेता बताते हुए पूछा कि उनके नेतृत्व में कितने चुनाव जीते हैं।
उनका कहना था कि पार्टी के शीर्ष नेता केवल पदवी हासिल करने को ही प्राथमिकता दे रहे हैं। कुर्सी पर कुंडली मारे नेता नहीं चाहते कि दूसरा कोई उन्हें चुनौती दे। वे चाय बागान के प्रतिनिधि होने के नाते कुछ जिम्मेदारियां चाहते थे जो उन्हें नहीं दी गई।