असम, गुवाहाटी: गौहाटी उच्च न्यायालय ने कछार जिला प्रशासन से उन यौनकर्मियों और उनके परिवारों को राशन उपलब्ध कराने को कहा है, जो जिले में जारी महामारी की स्थिति के कारण संघर्ष कर रहे हैं।
मुख्य न्यायाधीश सुधांशु धूलिया और न्यायाधीश एमआर पाठक की खंडपीठ ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया कि वह अदालत को यह बताए कि असम राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी के माध्यम से राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन यौनकर्मियों को कैसे राहत देगा और यह कार्य कैसे होंगे। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह आदेश दिया।
याचिका में कहा गया है कि कछार जिले में कुछ यौनकर्मी और उनके परिवार के सदस्य वर्तमान कोविड की स्थिति में संघर्ष कर रहे हैं और उन्हें राशन के रूप में तत्काल राहत व दैनिक जरूरत के अन्य सामान प्रदान की जानी चाहिए। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि हम एक अंतरिम आदेश पारित करते हैं, जिसमें उपायुक्त, कछार के साथ-साथ सचिव, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, कछार को इन परिवारों को तुरंत राशन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।
हमें सूचित किया गया है कि उपायुक्त, कछार ने इन यौनकर्मियों और उनके परिवारों की पहचान पहले ही कर ली है, क्योंकि राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन द्वारा उपायुक्त के अधीन एक परियोजना चलाई जा रही है। चूंकि यह एक जरूरी स्थिति है, इसलिए उन्हें आज ही उपरोक्त राशन प्रदान किया जाए।