गुवाहाटी: असम विधानसभा के अगले अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक एवं पूर्व राज्यसभा सदस्य विश्वजीत दैमारी होंगे। उन्होंने भाजपा की टिकट पर पानेरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता था।
उन्होंने बोड़ोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी करुणाकांत स्वर्गियारी को 35,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया। उन्हें नामित करने का निर्णय प्रदेश भाजपा के विधायक दल की हुई बैठक में लिया गया। प्रदेश अध्यक्ष रंजीत कुमार दास ने इसकी जानकारी दी। दैमारी ने भी उन्हें नामित किए जाने को लेकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को धन्यवाद दिया और 21वें अध्यक्ष के रूप में उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा की उपस्थिति में अपना नामांकन पत्र जमा किया।
उनके साथ कैबिनेट मंत्री रंजीत कुमार दास, चंद्र मोहन पटवारी, अतुल बोरा, यूजी ब्रह्म, पीयूष हजारिका सहित अन्य विधायक भी थे। वहीं दूसरी ओर दास ने बोकाजान के विधायक डॉ. नुमल मोमिन को विस के उपाध्यक्ष के रूप में मनोनीत किए जाने की बात कही।
गौरतलब है कि दैमारी का जन्म 4 फरवरी 1971 को हुआ था और वे भाजपा के सदस्य के रूप में राज्यसभा में असम का प्रतिनिधित्व भी कर रहे थे। इससे पहले वे पहली बार 2001 में बोड़ोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) की तरफ से विधायक निर्वाचित हुए थे। इसके बाद वे 2008 पहले और 2014 में दूसरे कार्यकाल के लिए राज्यसभा सांसद चुने गए थे।
बोड़ोलैंड प्रादेशिक परिषद (बीटीसी) चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल होने के लिए उन्होंने पिछले वर्ष नवंबर में बीपीएफ छोड़ दिया। 21 नवंबर को उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया। हालांकि उन्हें इस वर्ष 23 फरवरी को भाजपा से फिर से निर्वाचित किया गया था।
वहीं मोमिन पेशे से चिकित्सक हैं। उन्होंने 1999 में गुवाहाटी चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (जीएमसीएच) से एमबीबीएस किया। उनके पास एमडी की डिग्री भी है, जो उन्होंने असम चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (एएमसीएच) से हासिल की है। वे विभाजित असम में गारो समुदाय के पहले और एकमात्र विधायक हैं।