नई दिल्ली : दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण से बुरा हाल है। आज सुबह-सुबह राजधानी सहित एनसीआर के अधिकांश इलाके प्रदूषण की चादर में लिपटे नजर आए। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 से ऊपर है, जो काफी खतरनाक माना जाता है। वहीं दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रदूषण के लिए पटाखों और पराली जलाने को जिम्मेदार ठहराया है।
मौसम विभाग की मानें तो फिलहाल प्रदूषण का संकट मंडराता रहेगा। एक्यूआई और मौसम पूर्वानुमान तथा अनुसंधान प्रणाली के मुताबिक दिल्ली की समग्र वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है, समग्र एक्यूआई 533 पर है। दिल्ली से एक्यूआई कनॉट प्लेस में पीएम 10 654 पर, पीएम 2.5 628 पर, पीएम10 382 पर और पीएम 2.5 341 पर बना हुआ है।
दिल्ली की बात करें तो आईजीआई एयरपोर्ट के पास अभी एक्यूआई 429, बवाना इलाके में 459, आईटीओ में 463, नजफगढ़ 433, पंजाबी बाग 466, आनंद विहार 470, दिलशाद गार्डन में एक्यूआई 436 दर्ज किया गया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक दिवाली के अगले दिन दिल्ली में पिछले पांच साल में सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई।
पटाखे फोड़े जाने और पराली जलाए जाने की घटनाओं के चलते औसत एक्यूआई 450 दर्ज किया गया। यह पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक है। विशेषज्ञों का कहना है कि हरित दिवाली मनाने को लेकर समझ का अभाव इसके बड़े कारणों में एक है क्योंकि लोग मानते हैं कि त्योहार और पटाखे एक दूसरे के पूरक हैं।